
छोटे कद के युवक मयंक विश्वकर्मा (Photo Patrika)
CG News: चुनौतियों को अवसरों में बदलने का नाम है मयंक विश्वकर्मा। महज 36 इंच कद के बावजूद उन्होंने अपनी मेहनत, रचनात्मकता और हौसले से न केवल छत्तीसगढ़ के सबसे छोटे कद के व्यक्ति के रूप में पहचान बनाई, बल्कि साहित्य, समाजसेवा और स्वास्थ्य जागरुकता में उल्लेखनीय योगदान दिया। इन्फ्लुएंसर बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स ने उन्हें भारत और विश्व के सबसे छोटे लेखक के रूप में दर्ज किया है।
मयंक एक लेखक, फूड थैरेपिस्ट, न्यूट्रिशनिस्ट, दिव्यांग कार्यकर्ता और सोशल इन्फ्लुएंसर हैं। उन्होंने चार किताबें लिखी हैं और राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई पुरस्कार हासिल किए हैं, जिनमें इंडियाज हैल्थकेयर एक्सीलेंस अवॉर्ड, बॉर्न टू विन अवॉर्ड और एलओएसडी एक्सीलेंस अवॉर्ड (लंदन) प्रमुख हैं।
छत्तीसगढ़ के सबसे छोटे कद के व्यक्ति 36 इंच ऊँचाई] के रूप में पहचाने जाने वाले मयंक विश्वकर्मा अद्भुत व्यक्तित्व के धनी हैं /मयंक ने अब तक चार किताबें लिखी. मयंक का नाम विश्व के सबसे छोटे लेखक 38 वर्ष के रूप में ‘इन्फुलएंसर बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स’ में दर्ज किया गया। मयंक ने ‘इंडिया एवं एशिया बुक ऑफ रिकार्ड्स’ में भी अपनी जगह बनाई : मयंक के पिता देश के लब्धप्रतिष्ठित साहित्यकार डॉ. माणिक विश्वकर्मा ‘नवरंग’ हैं
मयंक विश्वकर्मा के पास बी.ए. (अर्थशास्त्र), एच.डी.सी.ए. (ऑनर्स डिप्लोमा इन कंप्यूटर एप्लिकेशन्स), एडवांस्ड डिप्लोमा इन फूड थैरेपी एंड न्यूट्रिशन और एम.डी. (एक्यूप्रेशर एवं सुजोग चिकित्सा – वैकल्पिक चिकित्सा) की उपाधियाँ हैं। उन्होंने खुद को एक प्रमाणित फूड थैरेपिस्ट एवं न्यूट्रिशनिस्ट के रूप में स्थापित किया है।
वर्तमान में वे एंटी-करप्शन फाउंडेशन ऑफ इंडिया (ACFI) में जिला निदेशक/राज्य उपाध्यक्ष (छत्तीसगढ़) के पद पर कार्यरत हैं और पारदर्शिता व सामाजिक कल्याण की दिशा में सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं।
Published on:
18 Sept 2025 02:39 pm
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