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पहली बार छत्तीसगढ़ियों की अपनी सरकार महसूस हुई है, डोसा-इडली के जमाने में बढ़ा है ठेठरी और खुरमी का महत्व

हमारी सरकार में छत्तीसगढ़ी भाषा का मान-सम्मान बढ़ा है।आज सौभाग्य का दिन है जब छत्तीसगढ़ी राजभाषा दिवस मनाया जा रहा है।अरपा पैरी के धार को जब राजगीत बनाया गया और सदन में गाया गया तब सम्मान का महत्व सामने नजर आया।

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रायपुर. आज छत्तीसगढ़ विधानसभा के शीतकालीन सत्र का चौथा दिन था। राजभाषा दिवस की बधाई देते हुए विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत ने सदन की कार्यवाही शुरू की। साथ ही साथ ही सभी सदस्यों से छत्तीसगढ़ी में प्रश्न पूछने और जवाब देने की अपील की।

संसदीय कार्यमंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि राज्य गठन के 19 साल बाद छत्तीसगढ़ियों की सरकार महसूस हुई है। पहली बार राज्य में छत्तीसगढ़ के त्योहार की छुट्टी दी गई। हरेली का त्यौहार मनाया गया।तीजा की छुट्टी दी गई। कर्मा त्योहार और गोवर्धन पूजा जैसे सभी छत्तीसगढ़ी त्योहारों को राज्य सरकार ने मनाया।

हमारी सरकार में छत्तीसगढ़ी भाषा का मान-सम्मान बढ़ा है।आज सौभाग्य का दिन है जब छत्तीसगढ़ी राजभाषा दिवस मनाया जा रहा है।अरपा पैरी के धार को जब राजगीत बनाया गया और सदन में गाया गया तब सम्मान का महत्व सामने नजर आया। डोसा-इडली के जमाने में ठेठरी और खुरमी का महत्व बढ़ गया।

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