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Rajim Kumbh Kalp Mela 2025: अखाड़ा परंपरा… साधुओं ने फहराई धर्म ध्वजा, 21 फरवरी से शुरू होगा संत समागम

Rajim Kumbh Kalp Mela 2025: इस बार 21 फरवरी को जानकी जयंती और 26 फरवरी को महाशिवरात्रि के मौके पर पुण्य स्नान के लिए लाखों श्रद्धालु त्रिवेणी संगम में जुटेंगे।

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Rajim Kumbh Kalp Mela 2025: अखाड़ा परंपरा... साधुओं ने फहराई धर्म ध्वजा, 21 फरवरी से शुरू होगा संत समागम

Rajim Kumbh Kalp Mela 2025: त्रिवेणी तट पर संतों का समागम 21 फरवरी से लगने वाला है। इसके लिए साधुओं का आगमन धीरे-धीरे हो रहा है। हालांकि, प्रशासन की ओर से विशेष व्यवस्था न किए जाने से पुरी से आए साधु लोमश ऋषि आश्रम में ही साधना में लीन हैं। कुछ अन्य संत आसपास के आश्रमों में रह रहे हैं। ऐसे में सभी आश्रम तपस्वी-संतों से भरे हैं। आसपास का माहौल भी आध्यात्मिक हो उठा है। जगन्नाथपुरी से आए संत सनतपुरी महाराज ने बताया कि त्रिवेणी संगम में पुण्य स्नान का अनमोल लाभ है।

Rajim Kumbh Kalp Mela 2025: शंखध्वनि से राजिम का वातावरण अत्यधिक अलौकिक

राजिम केवल एक तीर्थ नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक धरा है, जहां भगवान श्रीराजीवलोचन और श्रीकुलेश्वरनाथ महादेव का आशीर्वाद हमेशा बना रहता है। यहां स्नान करने से अमोघ पुण्य प्राप्त होता है। इस समय तक लगभग 65 साधु-संत यहां पहुंच चुके हैं। इनमें दशनाम जूना अखाड़ा समेत अन्य प्रमुख अखाड़ों के तपस्वी शामिल हैं। महाशिवरात्रि तक साधुओं की संख्या और बढ़ने की संभावना है। धूनी रमाए बैठे साधुओं की जटाजूट, भस्म से सना शरीर, गूंजते मंत्र और शंखध्वनि से राजिम का वातावरण अत्यधिक अलौकिक हो गया है।

जैसे-जैसे महाशिवरात्रि नजदीक आ रही है, वैसे-वैसे संगम की ओर श्रद्धालुजनों का सैलाब उमड़ रहा है। आने वाले दिनों में यहां भीड़ और बढ़ेगी। ऐसे में प्रशासन ने यहां श्रद्धालुओं की सुविधा के साथ सुरक्षा इंतजाम भी बढ़ा दिए हैं। अलग-अलग दिशा से आने वाले लोगों के लिए नवापारा और राजिम में पार्किंग बनाए गए हैं। लोमेश ऋषि आश्रम में नागा साधुओं ने विधिवत तरीके से धर्मध्वजा का रोहण किया गया। इस समारोह में सैकड़ों श्रद्धालुओं ने भाग लिया।

ध्वजारोहण समारोह में शामिल प्रमुख संतों में उमेशानंद गिरी, गोपाल गिरी, दिगंबर संतोष गिरी, गोकुल गिरी, सिद्धेश्वरी पुरी, पद्मिनी पुरी, कमलेशनंद सरस्वती थे। एसडीएम विशाल महराणा भी इस दौरान मौजूद रहे। इस मौके पर संतों ने वेद मंत्रों का उच्चारण किया। भक्तों के जयघोष के बीच ध्वजा को विधिपूर्वक स्थापित किया। बता दें कि धर्म ध्वजा कुंभ मेले में आध्यात्मिक शक्ति और अखाड़े की परंपरा का प्रतीक मानी जाती है।

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महिला श्रद्धालुओं के लिए अस्थाई चेंजिंग रूम

इस बार 21 फरवरी को जानकी जयंती और 26 फरवरी को महाशिवरात्रि के मौके पर पुण्य स्नान के लिए लाखों श्रद्धालु त्रिवेणी संगम में जुटेंगे। बढ़ती भीड़ के मद्देनजर प्रशासन ने विशेष व्यवस्थाएं की हैं। इस साल विशेष स्नान कुंडों का निर्माण किया गया है। ये संत समागम स्थल और नेहरू घाट के आसपास बनाए गए हैं। अफसरों की मानें तो इन कुंडों में स्नान करना ज्यादा सुविधाजनक और सुरक्षित रहेगा। महिला श्रद्धालुओं के लिए अस्थाई चेंजिंग रूम बनाए गए हैं।

कुंडों में जल स्वच्छता सुनिश्चित करने समय-समय पर ताजे पानी की आपूर्ति की जा रही है। सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। संभावित दुर्घटनाओं से निपटने एनडीआरएफ की टीम तैनात की जा रही है, जो पूरे आयोजन पर नजर रखेगी। महाशिवरात्रि के मौके पर त्रिवेणी संगम में श्रद्धालुओं की संख्या एक लाख से अधिक होने की संभावना है। ऐसे में प्रशासन ने यातायात और व्यवस्था की कड़ी निगरानी रखने का निर्णय लिया है।

महानदी पुल पर चमका तिरंगा

मेले में स्टार नाइट का आयोजन किया गया है। इसमें गायक अनुराग शर्मा प्रस्तुति देंगे। उनके अलावा देवेंद्र कुमार देशमुख लोकमंच पर प्रस्तुति देंगे। चुम्मन प्रसाद दर्शेना मानसगान से भाव-विभोर करेंगे। स्थानीय मंच पर भी रंगारंग कार्यक्रम होंगे। दोपहर 12 बजे से यहां हीराबाई चक्रधारी सुआ नृत्य, चिरंजीवी हलधर कत्थक ग्रुप की प्रस्तुति, कन्हैया लाल ब्यास पंडवानी गायन और रमादत्त जोशी लोकगीत प्रस्तुत करेंगी।

नाथूराम साहू मानस गायन प्रस्तुत करेंगे। रामावतार चंद्राकर लोकमंच पर कला दिखाएंगे। लखनलाल घिवडोंडे सतनाम भजन, मकसुदन राम साहू के गीत-संगीत, हेमंत साहू का जगराता ग्रुप, ममता अहार की नृत्य नाटिका और रेणुका देवी के भजन-कीर्तन प्रस्तुति करेंगी।

श्रद्धालु हो रहे मंत्रमुग्ध

Rajim Kumbh Kalp Mela 2025: मेले की भव्य तैयारियों के बीच राजिम में मेला प्रांगण और सड़कें हजारों बल्बों से रौशन हैं। खासतौर पर रायपुर और गरियाबंद जिले को जोड़ने वाले पुल को तिरंगे की थीम पर सजाया गया है। इस पुल पर लगे झालर का दृश्य आकर्षक है। श्रद्धालु इसे देखकर मंत्रमुग्ध हैं। लोगों की मानें तो यह सजावट न केवल मेले की शोभा बढ़ा रही है, बल्कि देशभक्ति की भावना को भी प्रोत्साहित कर रही है। राजिम मेला सालों से धार्मिक-सांस्कृतिक महत्व रखता है। इस बार रोशनी की विशेष सजावट से यह देशभक्ति के भी रंग में रंग चुका है।