विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और याचिकाकर्ता टीएस सिंहदेव ने बताया, सरकारी वकील ने अदालत में पूछा कि याचिकाकर्ताओं के पास सरकारी दस्तावेज कैसे पहुंच गए हैं। मई-जून 2016 में सिंहदेव, हमर संगवारी के राकेश चौबे और स्वराज अभियान की ओर से अजीत आनंद डेगवेकर ने याचिका दाखिल कर 10 करोड़ रुपए से अधिक की कमिशनखोरी का आरोप लगाया था। तबसे मामले में छह सुनवाई हो चुकी है। याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण और संजय हेगड़े ने पैरवी की। जबकि महेश जेठमलानी और के. अरुण कुमार ने सरकार का पक्ष रखा।
बहस में आया सांसद का नाम
याचिकाकर्ता राकेश चौबे ने बताया कि अदालत में तीन घंटे से अधिक चली सुनवाई में बात सौदों में गड़बड़ी से लेकर सांसद अभिषेक सिंह तक पहुंची। वकीलों ने अदालत को बताया। सौदे के करीब छह महीने बाद ही मुख्यमंत्री के कवर्धा वाले पते पर ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड में क्वेस्टहाइट्स लि. नाम की एक कंपनी खोली गई। कहा गया, इसी कंपनी के जरिए कमीशन की रकम का लेनदेन हुआ है। सरकार के वकीलों ने कहा, मुख्यमंत्री का कवर्धा का पता बदल गया है।
याचिकाकर्ता राकेश चौबे ने बताया कि अदालत में तीन घंटे से अधिक चली सुनवाई में बात सौदों में गड़बड़ी से लेकर सांसद अभिषेक सिंह तक पहुंची। वकीलों ने अदालत को बताया। सौदे के करीब छह महीने बाद ही मुख्यमंत्री के कवर्धा वाले पते पर ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड में क्वेस्टहाइट्स लि. नाम की एक कंपनी खोली गई। कहा गया, इसी कंपनी के जरिए कमीशन की रकम का लेनदेन हुआ है। सरकार के वकीलों ने कहा, मुख्यमंत्री का कवर्धा का पता बदल गया है।
एेसी है सौदे की कहानी…
प्रदेश के नागरिक विमानन विभाग ने 2006 में वीवीआईपी मूवमेंट के लिए एक हेलीकॉप्टर खरीदने का फैसला किया। अफसरों ने अगस्ता वेस्टलैंड की एक सहायक कंपनी ओएसएस प्रा. लि. से मुलाकात की। कंपनी ने उन्हें 6.31 मिलियन डॉलर में हेलीकॉप्टर बेचने का प्रस्ताव दिया। कंपनी का कहना था कि सरकार को हेलीकॉप्टर जल्दी चाहिए तो शॉर्प ओशन नाम की कंपनी के जरिए लेनी होगी। कुछ दौर की वार्ता के बाद सरकार ने अगस्ता 109 पॉवर ई हेलीकॉप्टर के लिए ग्लोबल टेंडर निकाला। इसमें अगस्ता वेस्टलैंड, उसकी सहायक कंपनी ओएसएस और तीसरी सहायक शॉर्प ओशन ने भाग लिया। शॉर्प ओशन ने 26 करोड़ 11 लाख रुपए की सबसे कम कीमत पेश की और सौदा उसे दे दिया गया। प्रशांत भूषण, टीएस सिंहदेव, राकेश चौबे आदि का कहना है कि यह करीब 30 प्रतिशत बढ़ी रकम ही कमीशन के रूप में गई है।
प्रदेश के नागरिक विमानन विभाग ने 2006 में वीवीआईपी मूवमेंट के लिए एक हेलीकॉप्टर खरीदने का फैसला किया। अफसरों ने अगस्ता वेस्टलैंड की एक सहायक कंपनी ओएसएस प्रा. लि. से मुलाकात की। कंपनी ने उन्हें 6.31 मिलियन डॉलर में हेलीकॉप्टर बेचने का प्रस्ताव दिया। कंपनी का कहना था कि सरकार को हेलीकॉप्टर जल्दी चाहिए तो शॉर्प ओशन नाम की कंपनी के जरिए लेनी होगी। कुछ दौर की वार्ता के बाद सरकार ने अगस्ता 109 पॉवर ई हेलीकॉप्टर के लिए ग्लोबल टेंडर निकाला। इसमें अगस्ता वेस्टलैंड, उसकी सहायक कंपनी ओएसएस और तीसरी सहायक शॉर्प ओशन ने भाग लिया। शॉर्प ओशन ने 26 करोड़ 11 लाख रुपए की सबसे कम कीमत पेश की और सौदा उसे दे दिया गया। प्रशांत भूषण, टीएस सिंहदेव, राकेश चौबे आदि का कहना है कि यह करीब 30 प्रतिशत बढ़ी रकम ही कमीशन के रूप में गई है।