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राजस्थान में फिर आसमान छूएगी बजरी की कीमतें, दामों में दो से तीन गुना वृद्धि होना तय, जानें आखिर क्यों पड़ेगा असर?

सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान में अवैध खनन पर सख्ती दिखाते हुए खनन कार्यों पर तत्काल रोक लगाने के आदेश दिए हैं।

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Preparation of 16 sand mines to the Gram Panchayat

Preparation of 16 sand mines to the Gram Panchayat

नई दिल्ली/ जयपुर/

सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार पर तल्ख टिप्पणी करते हुए बजरी खनन को तत्काल बंद कर दिया। कोर्ट ने कहा, ऐसा लगता है कि पर्यावरण मंत्रालय को तो कोई चिंता नहीं है, राज्य सरकार भी मसले पर बेपरवाह है। जब तक सरकार व बजरी खनन करने वालों की मिलीभगत के आरोपों पर मुख्य सचिव का हलफनामे पर स्पष्टीकरण नहीं आएगा, तब तक खनन नहीं होगा।

राजस्थान में बजरी खनन को लेकर जो कुछ हो रहा है वह भयावह है। सुप्रीम कोर्ट ने बिना पर्यावरण मंजूरी बजरी के खनन की अनुमति देने से इनकार कर दिया है। न्यायाधीश मदन बी लोकुर की अध्यक्षता वाली खण्डपीठ ने बजरी खान मालिकों की 8 याचिकाओं पर यह आदेश दिया है।

मुख्य सचिव को हलफनामा दायर करने के लिए चार सप्ताह का समय दिया है। कोर्ट ने पर्यावरण मंत्रालय से मंजूरी के बाद खनन करने को कहा है। कोर्ट ने कहा सालों से नहीं तो महीनों से बिना एनवायरमेंट क्लियरेंस या बिना वैज्ञानिक अध्ययन 82 लीजधारकों द्वारा अंधाधुंध खनन किया जा रहा है। पर्यावरण मंत्रालय का इस ओर ध्यान ही नहीं है।

निर्माण सामग्री के दामों पर पड़ेगा असर
सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश का सीधा-सीधा असर प्रदेश में चल रहे निर्माण कार्यों पर पड़ेगा। निर्माण कार्यों में सबसे ज़्यादा महत्वपूर्ण और काम आने वाली बजरी की कीमतों में उछाल आना तय माना जा रहा है। पहले भी खनन पर लगी पाबंदियों का असर बजरी कीमतों पर देखा गया था। बजरी कीमतें कई गुना बढ़ गईं थी।

माना ये जा रहा है कि एक बार फिर बजरी के दाम आसमान छू जाएंगे। बजरी का एक ट्रक जिसकी कीमत 10 हज़ार रुपए के बीच है वो अब 25 से 30 हजार तक होने का अनुमान जताया जा रहा है। इसी तरह से बजरी का डंपर जो फिलहाल लगभग 30 हज़ार का है उसके दाम 75 से 80 हजार तक पहुंच सकते हैं।

पहले जब बंद हुआ था खनन...
बजरी का खनन इससे पहले भी राज्य में बंद हुआ था। उस समय 8 हजार का बजरी ट्रक 45 हजार तक बिका था।

बड़ी लीज बंद करें
कोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिया कि बजरी खनन पर रोक सुनिश्चित की जाए। बड़ी बजरी लीजों को बंद कराया जाए। राजस्थान में बजरी की 82 बड़ी लीज थीं, जो अस्थाई वर्क परमिट पर काम कर रहीं थीं।

बचेंगे सिर्फ एक दर्जन ब्लॉक ही
खान विभाग के सूत्रों के अनुसार इस आदेश के बाद सिर्फ एक दर्जन ब्लॉक ही बचेंगे, जहां पर्यावरण एनओसी मिलने के कारण बजरी खनन हो पाएगा। वर्ष 2013 में राज्य में बजरी की 105 लीजें थी। एनजीटी के आदेश के बाद पांच साल पूर्व 23 बजरी की लीज बंद करवा दी गई थी।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश की पालना कराई जाएगी।
डीएस मारू, निदेशक खान निदेशालय

10 लीज होल्डर के साथ अब तक एग्रीमेंट
सूत्रों के मुताबिक राज्य में 53 बजरी खानों में खनन चल रहा है। इनमें से करीब 12 खानों के लिए केन्द्रीय पर्यावरण मंत्रालय अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी कर चुका है। इनमें से सरकार 10 लीज होल्डर के साथ अब तक एग्रीमेंट कर चुके हैं।


फैक्ट फाइल...
- 80 बजरी खानों को वर्ष 2013 में खनन के लिए अस्थायी स्वीकृति राज्य सरकार ने जारी की
- 2 बजरी खानों को एनजीटी के आदेश से बंद करा दिया गया
- 24 बजरी खानों को पिछले दिनों राज्य सरकार ने गारंटी और प्रीमियम राशि जमा नहीं कराने पर किया निरस्त
- 1 खान को और बंद करने की प्रक्रिया चल रही थी
- 53 बजरी खानों में अभी हो रहा था बजरी

यहां 24 खानें हो चुकी हैं निरस्त...
टोंक की बनास नदी में टोडारायसिंह, जयपुर में कोटपूतली व शाहपुरा, दौसा, झुंझुनूं, भीलवाड़ा, जोधपुर , अजमेर , चित्तौडग़ढ़, धौलपुर, नागौर, बाड़मेर में

बजरी खानें बंद होने से हजारों मजदूरों का रोजगार छिन गया है। राज्य सरकार ने जल्द रास्ता नहीं निकाला तो निर्माण कार्यों के लिए बजरी मिलना ही मुश्किल हो जाएगा।
नवीन शर्मा, अध्यक्ष ऑल राजस्थान बजरी ट्रक ऑपरेटर्स वेलफेयर सोसायटी