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बिना बाल झड़े और कमजोरी के होगा कैंसर का इलाज, डॉ. ऋषि शर्मा ने तकनीक का कराया पेटेंट, मरीजों के लिए विकसित की गई इम्युनोथेरेपी बायो-मैट्रिक्स

CANCER : कैंसर के इलाज को लेकर एक नई तकनीक की चर्चा इन दिनों देश-विदेश में हो रही है।

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जयपुर। कैंसर के इलाज को लेकर एक नई तकनीक की चर्चा इन दिनों देश-विदेश में हो रही है। जयपुर के कैंसर विशेषज्ञ डॉ. ऋषि शर्मा ने अपनी उपचार पद्धति ‘इम्युनोथेरेपी बायो-मैट्रिक्स’ के लिए भारत में पेटेंट दर्ज कराया है। यह तकनीक खास तौर पर स्टेज-4 कैंसर से जूझ रहे मरीजों को ध्यान में रखकर विकसित की गई है।

पिछले करीब 20 वर्षों से कैंसर मरीजों का इलाज कर रहे डॉ. शर्मा ने बताया कि उन्होंने पारंपरिक इलाज पद्धतियों—जैसे कीमोथेरेपी और रेडिएशन के प्रभाव और सीमाओं को नजदीक से देखा हैं। उन्हीं अनुभवों के आधार पर उन्होंने एक अलग तरह की उपचार प्रणाली पर काम शुरू किया, जिसे वे ‘मॉलिक्यूलर बायो-रिवर्जन’ कहते हैं।

डॉ. शर्मा का दावा है कि इस तकनीक में दवाएं सीधे कैंसर कोशिकाओं पर असर करती हैं और शरीर के बाकी हिस्सों पर इसका प्रभाव सीमित रहता है। पारंपरिक उपचारों के विपरीत, यह पद्धति कैंसर कोशिकाओं को बिना किसी दुष्प्रभाव (जैसे बाल झड़ना या कमजोरी) के आणविक स्तर पर निष्क्रिय करने का कार्य करती है।

इस तकनीक को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी चर्चा मिली है। डॉ. शर्मा ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और जिनेवा में आयोजित मेडिकल मंचों पर अपने काम को प्रस्तुत कर चुके हैं। इसके अलावा ब्रिटेन की संसद में भी उनके शोध का उल्लेख हुआ है। इन मंचों पर हुई चर्चाओं का मकसद इस पद्धति को समझना और आगे के वैज्ञानिक अध्ययन की संभावनाएं तलाशना रहा है।

डॉक्टर का कहना है कि इम्युनोथेरेपी कैंसर इलाज का एक स्थापित क्षेत्र है, लेकिन हर नई तकनीक को बड़े स्तर पर अपनाने से पहले लंबे क्लिनिकल ट्रायल और स्वतंत्र अध्ययन जरूरी होते हैं। डॉ. शर्मा के अनुसार अब तक 40 से ज्यादा देशों के मरीज जयपुर आकर या परामर्श के जरिए उपचार लै रहें हैं।