
वाटर एटीएम के मेंटेनेंस में घोटाला (Photo Patrika)
Raipur News: शहरी क्षेत्रों में लोगों को ठंडा और शुद्ध पानी उपलब्ध कराने के लिए 2016 से 2018 के बीच लगाए गए वाटर एटीएम के मेंटेनेंस में गड़बड़ी सामने आई है। प्रदेश के आठ बड़े नगर निगमों में एटीएम के मेंटेनेंस में घोटाला किया गया है। संचालनालय की जांच में सामने आया है कि मेंटेनेंस करने वाली एजेंसी को 35 लाख रुपए अधिक भुगतान किया गया है। अधिकारी भी इस मामले की कार्रवाई में ध्यान नहीं दे रहे हैं। वहीं, कुछ अधिकारी घोटाले को दबाने में लगे हैं।
सूत्र बताते हैं कि जांच रिपोर्ट पूरी हो गई है। कंपनी से वूसली के लिए पत्र भी तैयार है, लेकिन अधिकारी दोषियों को बचाने में लगे हैं। नागपुर की कंपनी के विरुद्ध जांच में संचालनालय ने शिकायत सही पाई थी। अधिकारियों पर कार्रवाई की अनुशंसा भी की गई थी।
नागपुर की नियो केयर कंपनी को प्रदेश के आठ निकायों में करीब 40 वाटर एटीएम लगाने का टेंडर दिया गया था। इसी कंपनी को इन एटीएम के मेंटेनेंस का भी जिमा दिया गया था। अनुबंध के तहत सात साल तक मेंटेनेंस करना था, लेकिन अधिकारियों ने मिलीभगत करके एजेंसी को करीब 35 लाख रुपए से अधिक का भुगतान कर दिया है।
सूत्रों के अनुसार जांच रिपोर्ट में एटीएम मेंटेनेंस के नाम पर किसी निकाय ने डेढ़ लाख रुपए तो किसी ने दो लाख तक अधिक भुगतान किया है। इसके लिए संचालनालय से अधिकारियों से न तो कोई अनुमति ली गई और न ही उन्हें पत्र लिखकर जानकारी दी गई।
संचालनालय में धूल फांक रही जांच रिपोर्ट, जिमेदारों पर कार्रवाई नहीं
रायपुर, रायगढ़, भिलाई, अंबिकापुर, बिलासपुर, जगदलपुर, धमतरी, राजनांदगांव हैं।
रायपुरा बीएसयूपी, सरोना, कचना, रामनगर चौक, सड्ढू, आंबेडकर अस्पताल, सरस्वती नगर थाना, एस गार्डन के पास, पंडरी जिला अस्पताल, वालफोर्ट सिटी के पास।
मामले की जांच जारी है। जांच कहां तक आगे बढ़ी है, इस बारे में संबंधित अधिकारी से पूछकर ही बता पाउंगा।
-राजेश शर्मा, अधीक्षण अभियंता, नगरीय प्रशासन विभाग संचालनालय
Published on:
23 Jul 2025 10:44 am
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