
Scam in food department: खाद्य विभाग में दो अरब सोलह करोड़ के चावल, शक्कर, गुड़ और चना घोटाले के लिए विधानसभा के सदस्यों की समिति के द्वारा जांच का आदेश दिया गया है। बता दें कि विधानसभा में विधायक धरमलाल कौशिक का प्रश्न था कि राशन दुकानों के गोदामों में क्षमता से अधिक चावल होने और इंस्पेक्टर के घोषणा पत्र में बचत स्टॉक के बावजूद लगातार आवंटन किसके कहने पर जारी किया गया।
इसके जवाब में खाद्य मंत्री ने पिछले संचालक के पद की जानकारी दी। लेकिन अधिकारी के नाम का उल्लेख नहीं किया। खाद्य विभाग में नियमानुसार संचालक ही पूरे प्रदेश की तेरह हजार राशन दुकानों को हर महीने की 10 तारीख को कोटा जारी करते हैं। पिछले पांच साल में राशन बचत घोटाले के दौरान पांच संचालक खाद्य विभाग में बदले, जिसमें भुवनेश यादव, अभिनव अग्रवाल, किरण कौशल, सत्यनारायण राठौर और वर्तमान संचालक जितेंद्र शुक्ला खाद्य संचालनालय में संचालक रहे। सभी ने राशन दुकानों में गोदाम क्षमता से अधिक चावल, शक्कर, गुड़ और चना रहते हुए हर महीने पूरा कोटा जारी किया है।
निरीक्षकों ने हर माह दी मुख्यालय को जानकारी: मैदानी अमले के खाद्य निरीक्षकों ने सत्यापन के दौरान हर महीने राशन दुकानों में बचत कोटे की जानकारी दी। एक खाद्य निरीक्षक ने बताया कि खाद्य संचालनालय के अधिकारी ही जिम्मेदार हैं। सभी निरीक्षक ने ईमानदारी से हर महीने राशन दुकानों में बचत की जानकारी दी है कि बचत कोटा इंस्पेक्टर मॉड्यूल से नहीं घटाया जा सकता है।
जल्द ही जारी होगी जांच सदस्यों की सूची
विधानसभा के द्वारा घोषित जांच समिति के सदस्यों की जल्दी ही घोषित होने की संभावना है। ये समिति जिन बिंदुओं में जांच करेगी उसकी रूपरेखा बनाना अभी बाकी है। हालांकि जांच के नाम पर विभाग के अधिकारी घबराए हुए हैं। ऐसे ही पूर्व खाद्य मंत्री के नजदीकी कर्मचारियों के पास से 26 पेज की सूची मिलने से सब परेशान है।
Published on:
12 Feb 2024 12:10 pm
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