scriptशरद पूर्णिमा पर कोरोना का साया, पहली बार मंदिरों में नहीं बंटेगा अमृत खीर का प्रसाद | Sharad Purnima 2020 on 30 October, Amrit Kheer will not be distributed | Patrika News

शरद पूर्णिमा पर कोरोना का साया, पहली बार मंदिरों में नहीं बंटेगा अमृत खीर का प्रसाद

locationरायपुरPublished: Oct 29, 2020 09:30:15 am

Submitted by:

Ashish Gupta

– शरद पूर्णिमा (Sharad Purnima 2020 on 30 October) महोत्सव 30 अक्टूबर को- महामाया मंदिर में नहीं पकेगी 51 किलो दूध की खीर

Sharad purnima

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रायपुर. शरद पूर्णिमा (Sharad Purnima 2020 on 30 October) महोत्सव 30 अक्टूबर को है, जब चंद्रमा अपने सोलह कलाओं से युक्त होकर उदत होता है। मान्यता है कि पूर्णिमा पर चांद की किरणों से अमृत टपकता है, इसलिए खुले आसमान के नीचे खीर रखकर प्रसाद के रूप में लोग ग्रहण करते हैं। मठ-मंदिरों में आधा रात लोग प्रसाद लेने पहुंचते हैं तो कही जगहों पर औषधियुक्त खीर दमा, खांसी की दवाई भी दी जाती है। लेकिन, इस बार कोरोना के कारण शहर के सबसे प्रचीन महामाया मंदिर में न तो 51 किलो दूध की खीर पकेगी न ही भक्तों को वितरित की जाएगी। मंदिर कमेटी ने केवल मातारानी को भोग लगाने भर के लिए खीर बनाना तय किया है।

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पंडित मनोज शुक्ला के अनुसार शरद पूर्णिमा का उत्सव संतों के आश्रमों और मठ-मंदिरों में भजन-कीर्तन, सत्संग कर मनाया जाता रहा है। श्रद्धालु पूजा-दर्शन करने मंदिर आते थे और रात 12 बजे अमृतखीर का प्रसाद लेने बड़ी संख्या में आते थे। लेकिन बार कोरोनाकाल के कारण यह कार्यक्रम स्थगित कर दिया गया है। लोग अपने घरों में खीर पकाकर छत पर रखकर भोग लगाएं, इससे पुण्य की प्राप्ति होती और दुख-संताप, रोग-दोष मिटता है।

सोलह कलाओं से युक्त चंद्रमा
कार्तिक शुक्लपक्ष की पूर्णिमा 16 कलाओं से युक्त हाकर उदय होता है, जिसकी किरण इस रात पृथ्वी के सबसे नजदीक होती हैं और सीधे पड़ती है, इस तथ्य को मानकार मंदिर प्रांगण के खुले स्थान में हजारों श्रद्धालुओं के लिए अमृत खीर पकाई जाती थी।

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व्रत पूर्णिमा 31 को, इसी दिन वाल्मिकी जयंती
पंडित शुक्ला के अनुसार शरदपूर्णिमा का उत्सव 30 अक्टूबर को है और 31 अक्टूबर को व्रत पूर्णिमा है। इस दिन व्रत रखकर भगवान सत्यनारायण का पूजन, कथा का श्रवण करने से कष्ट मिलता है। इसी दिन महर्षि वाल्मिकी जयंती मनाई जाएगी। संस्कृत भाषा प्रचारक पंडित चंद्रभूषण शुक्ला के अनुसार इस अवसर पर संस्कृत भारती द्वारा ऑनलाइन विविध कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।

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