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Krishna Janmashtami 2023: 200 साल पुराने मंदिरों में जन्माष्टमी का जुदा अंदाज, बिखरेंगे परंपरा के रंग

Krishna Janmashtami 2023: शहर में बुधवार की रात 12 बजते ही भादो मास की अष्टमी और रोहिणी नक्षत्र के शुभ संयोग में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी मनाई गई।

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Shri Krishna Janmashtami being celebrated today

Krishna Janmashtami 2023: 200 साल पुराने मंदिरों में जन्माष्टमी का जुदा अंदाज

Krishna Janmashtami 2023: रायपुर। शहर में बुधवार की रात 12 बजते ही भादो मास की अष्टमी और रोहिणी नक्षत्र के शुभ संयोग में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी मनाई गई। वैष्णव मत की मान्यता के मुताबिक मठ-मंदिरों में ये उत्सव गुरुवार की आधी रात मनाई जाएगी।

शहर में 200 साल पुराने ऐसे कई मंदिर हैं जहां जन्माष्टमी मनाने का जुदा अंदाज है। कहीं भगवान आधी रात चांदी के पालने पर झूलते हैं। कहीं भगवान के (Krishna Janmashtami) नामकरण पर मालपुए का भोग बांटा जाता है। इसी पर आज की ये रिपोर्ट...

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गोकुल चंद्रमा हवेली मंदिर बूढ़ापारा

बूढ़ातालाब के पास 200 साल पुराना गोकुल चंद्रमा हवेली मंदिर है। यहां श्रीकृष्ण के बाल रूप की पूजा की जाती है। जन्माष्टमी पर यहां ब्रज के मंदिरों में निभाई जाने वाली परंपरा का पालन किया जाता है। दिन में चार बार अलग-अलग समय पर पट खोला जाता है। दर्शन, पूजन, प्रसादी वितरण के बाद पट बंद कर दिया जाता है। अन्य मंदिरों की तरह गोकुल चंद्रमा मंदिर दिनभर नहीं खोला जाता। जन्माष्टमी के दिन चांदी के झूले पर विराजमान कान्हा को झुलाने के लिए महिलाओं की लंबी कतार लगती है।

गोपाल मंदिर

Krishna Janmashtami 2023: सदरबाजार का गोपाल मंदिर भी 170 साल पुराना है। मथुरा में जन्माष्टमी जिस दिन मनाई जाती है, यहां भी उसी दिन पर्व मनाने की परंपरा आजादी के पहले से चली आ रही है। मंदिर में राधा-कृष्ण की मनमोहक प्रतिमा है। जन्माष्टमी की आधी रात अभिषेक पूजा के बाद दूसरे दिन नंदोत्सव मनया जाता है। नंदबाबा द्वारा खुशियां मनाने और भगवान शंकर के भेष बदलकर आने का मंचन किया जाता है। मंदिर में मथुरा में निभाई जाने वाली परंपरा का पालन किया जाता है।

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जैतूसाव मठ पुरानी बस्ती

जैतूसाव मठ भी 200 साल पुराना है। यहां तभी से भगवान के लिए मालपुआ बनाने की परंपरा है। मंदिर के पिछले हिस्से में कारीगर इसे तैयार करते हैं। एक बड़े से कमरे में सूखी घास पर मालपुए को सुखाया जाता है, ताकि घी बाहर निकल जाए। इसके बाद इसे (Raipur hindi news) सीता की रसोई में सुरक्षित रखा जाता है। इसे बनाने में करीब तीन दिन लगते हैं। इस दौरान 15 हजार से ज्यादा मालपुए बनाए जाते हैं। इसमें 10 क्विंटल कच्चे माल का इस्तेमाल किया जाता है। भगवान को भोग लगाने के बाद भक्तों में इसे बांटा जाता है।

आज होंगे कार्यक्रम...

Krishna Janmashtami 2023: गुढ़ियारी: सार्वजनिक दही हांडी लूट उत्सव समिति के संयोजक बसंत अग्रवाल और सह संयोजक हेमेंद्र साहू ने बताया, शाम 4 बजे से दही हांडी लूट होगी। रायपुर, दुर्ग, राजनांदगांव की 26 टोलियों ने इस प्रतियोगिता के लिए अपना पंजीयन कराया है। विजेता टोली को 5.51 लाख रुपए बतौर पुरस्कार दिए जाएंगे। बाकी सभी टोलियों को सांत्वना राशि दी जाएगी।

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कोतवाली थाना: कोतवाली थाने में गुरुवार की आधी रात कान्हा जन्म का मंचन होगा। इसके लिए श्रीकृष्ण जन्माष्टमी उत्सव समिति ने पुलिस प्रशासन से विशेष अनुमति ली है। माधव लाल यादव ने बताया कि कोतवाली थाने के लॉकअप रूप में वासुदेव, देवकी के बंद होने और आधी रात को कान्हा के जन्म का मंचन किया जाएगा। असली पुलिस पहरेदार की भूमिका में होंगे।

विवेकानंद विद्यापीठ में हुआ परिसंवाद

जन्माष्टमी के मौके पर कोटा स्थित विवेकानंद विद्यापीठ में परिसंवाद का आयोजन किया गया। प्रो. डॉ. जया सिंह ने कहा, ईश्वर का कोई आदि, मध्य और (Krishna Janmashtami) अंत नहीं है। सूरदास ने डेढ़ लाख पद लिखे हैं। इसमें उन्होंने श्रीकृष्ण के प्रत्येक रूप का वर्णन किया है। डॉ. रंजना शर्मा, डॉ. ओमप्रकाश वर्मा और डॉ. चितरंजन कर ने भी इस दौरान अपने विचार रखे।

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