
प्रतीकात्मक फोटो (AI )
SIR Breaking: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में चल रही एसआईआर की प्रक्रिया में बड़ा खुलासा हुआ है। आंकड़े इतने चौंकाने वाले हैं कि यदि इनमें से अधिकांश नामों पर अंतिम मुहर लग गई, तो आने वाले चुनावों में बीजापुर की पूरी चुनावी तस्वीर बदल सकती है। रिपोर्ट के मुताबिक जिले में सत्यापित 1 लाख 91 हजार 652 मतदाताओं में से 38 हजार 627 मतदाता ऐसे पाए गए हैं, जिनके नाम मतदाता सूची से कटने की प्रबल आशंका है।
दूसरी प्रदेश स्तर पर एसआईआर को लेकर बड़ा डेटा सामने आ रहा है। प्रशासन का दावा है कि अभी तक 100 फीसदी डिजिटलाइजेशन का कार्य पूरा हो चुका है। इसमें जानकारी निकलकर सामने आ रही है कि एसआईआर के दौरान 27 लाख लोगों के नाम कट चुके हैं।
बीजापुर में एसआईआर रिपोर्ट का सबसे गंभीर पहलू मृत मतदाताओं को लेकर सामने आया है। जिले में 12,566 मतदाताओं की मौत हो चुकी है, इसके बावजूद उनके नाम अब तक वोटर लिस्ट में दर्ज है। वहीं 15,625 मतदाता स्थायी रूप से अन्य स्थानों पर शिफ्ट हो चुके हैं। यह आंकड़ा जिले में बड़े पैमाने पर हुए विस्थापन की ओर इशारा करता है, जिसका सीधा असर मतदाता सूची पर पड़ा है।
सत्यापन के दौरान 6,043 मतदाता ऐसे मिले, जो अपने घरों में मौजूद नहीं थे। न तो इनका वर्तमान पता स्पष्ट हो सका और न ही इनके बारे में ठोस जानकारी मिल पाई। प्रशासनिक स्तर पर इसे सबसे चुनौतीपूर्ण श्रेणी माना जा रहा है, क्योंकि इन्हीं नामों को लेकर भविष्य में सबसे ज्यादा विवाद की आशंका है।
भोपालपटनम और उसूर जैसे सीमावर्ती क्षेत्रों में एसआईआर प्रक्रिया ने पड़ोसी राज्यों से विवाह कर आई बहुओं की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। उनसे 2003 की मतदाता सूची या मायके के दस्तावेज मांगे जा रहे हैं। मजबूरी में कई महिलाओं को नाम की पुष्टि के लिए तेलंगाना और महाराष्ट्र तक जाना पड़ रहा है। ग्रामीण और आदिवासी इलाकों में यह प्रक्रिया खर्चीली और समयसाध्य साबित हो रही है। राहत नहीं मिली तो बड़ी संख्या में बहुओं के नाम कटने की आशंका है।
विभाग ने एसआईआर फॉर्म भरने की अंतिम तिथि 18 दिसंबर तक बढ़ा दी है। उप जिला निर्वाचन अधिकारी नारायण प्रसाद गवेल ने बताया कि जिलेभर में व्यापक अभियान चलाया जा रहा है। 254 बीएलओ नक्सल प्रभावित और दुर्गम गांवों तक पहुंचकर डोर-टू-डोर सर्वे कर रहे हैं। सलवा जुडूम के दौरान विस्थापित मतदाताओं का भी सत्यापन किया जा रहा है।
छत्तीसगढ़ में तेजी से एसआईआर की प्रक्रिया चल रही है। प्रशासन के दावा के अनुसार प्रदेश में 100 प्रतिशत डिजिटलाइजेशन का कार्य पूर्ण हो चुका है। निर्वाचन से मिले डेटा के अनुसार प्रदेश में कुल 2 करोड़ 12 लाख 30 हजार 737 मतदाता है। एसआईआर के दौरान जांच में पता चला की लगभग 27 लाख लोगों के नाम काट चुके है। इसमें 6.39 लाख मतदाताओं की मृत्यु हो चुकी है, 1.65 लाख मतदाता दूसरे जगह शिफ्ट हो चुके है वहीं कुछ अनुपस्थित, डुप्लीकेट समेत लाखों मतदाताओं के नाम काटे जा चुके है।
38 हजार से अधिक नामों पर अंतिम फैसला कटौती के पक्ष में गया, तो जिले का वोट प्रतिशत, चुनावी गणित और नतीजे पर असर पड़ेगा। यह रिपोर्ट जिले की सामाजिक और जनसांख्यिकीय सच्चाई को भी उजागर करती है। तहसीलवार आंकड़ों पर नजर डालें तो बीजापुर, उसूर, भैरमगढ़ और भोपालपटनम में नाम कटने की आशंका वाले मतदाताओं की संख्या सबसे ज्यादा है।
Published on:
16 Dec 2025 02:26 pm
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