27 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

CG News: स्मार्टफोन का औसत राष्ट्रीय जैसा, ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों को कम्प्यूटर का ज्ञान नहीं

CG News: बच्चों को डिजिटल युग में कम्प्यूटर की जानकारी नहीं है। इस रिपोर्ट में छत्तीसगढ़ के ग्रामीण क्षेत्रों के 2024 में 786 स्कूलों का अध्ययन किया गया, जिसमें केवल 0.5 फीसदी बच्चे को ही स्कूलों में कम्प्यूटर का ज्ञान प्रदान किया जाता है।

less than 1 minute read
Google source verification
CG News: स्मार्टफोन का औसत राष्ट्रीय जैसा, ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों को कम्प्यूटर का ज्ञान नहीं

CG News: छत्तीसगढ़ में भी स्मार्टफोन के प्रयोग की 82.5 फीसदी स्कूली बच्चों को जानकारी है। लेकिन हैरत की बात है कि ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों में 96.5 फीसदी बच्चों को डिजिटल युग में कम्प्यूटर की जानकारी नहीं है। इस रिपोर्ट में छत्तीसगढ़ के ग्रामीण क्षेत्रों के 2024 में 786 स्कूलों का अध्ययन किया गया, जिसमें केवल 0.5 फीसदी बच्चे को ही स्कूलों में कम्प्यूटर का ज्ञान प्रदान किया जाता है। 96.5 फीसदी स्कूलों में बच्चों के लिए कम्प्यूटर ही नहीं है। वहीं, 3 फीसदी स्कूलों में कम्प्यूटर तो हैं, लेकिन उन्हेें बच्चे प्रयोग नहीं करते। रिपोर्ट के मुताबिक केवल 0.5 फीसदी बच्चे ही स्कूलों में कम्प्यूटर का प्रयोग कर रहे हैं।

यह भी पढ़ें: CG Online Fraud: मात्र 499 में खरीदें स्मार्टफोन.. ऐसे बंपर छूट से बचे, नहीं तो लेने के पड़ सकते हैं देने, जानें पूरा मामला

गर्ल्स टॉयलेट की स्थिति और भी बुरी

प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में बालिकाओं के लिए केवल 62.7% स्कूलों में ही टॉयलेट उपलब्ध है। 18.9 फीसदी स्कूलों में बालिकाओं के अलग से टॉयलेट नहीं है। वहीं, 6.4 फीसदी स्कूलों में अलग से टॉयलेट तो हैं, लेकिन वे बंद रहते हैं।

9.8 फीसदी स्कूलों में शुद्ध पीने का पानी नहीं

छत्तीसगढ़ में ग्रामीण क्षेत्रों के 9.8 फीसदी स्कूलों में शुद्ध पीने का पानी नहीं है। वहीं, 9 फीसदी स्कूलों में पानी की व्यवस्था तो हैं, लेकिन वह पीने लायक नहीं है। 81.1 फीसदी स्कूलों मेें पीने की पानी की व्यवस्था है। इसके अलावा 26.4 फीसदी स्कूलों में टॉयलेट की व्यवस्था नहीं है। 73.6 फीसदी स्कूलों में टॉयलेट है। रिपोर्ट के मुताबिक, 18.7 फीसदी स्कूलों के टॉयलेट प्रयोग करने लायक नहीं हैं। 7.6 फीसदी स्कूलों में टायलेट ही नहीं हैं।