
CG News: प्रदेश के 1.50 करोड़ रुपए से ज्यादा टर्नओवर वाले 56000 कारोबारियों की जांच होगी। इसमें 16000 कारोबारियों के रिटर्न फाइल नहीं करने और 40000 कारोबारियों द्वारा टैक्स चोरी करने जानबूझकर कम टर्नओवर जमा करने के इनपुट मिले हैं।
इसे देखते हुए स्टेट जीएसटी की विशेष टीम बनाई गई है। वह फिल्ड में जाकर कंपोजिशन डीलरों और कारोबारियों के प्रतिष्ठानों में दस्तावेजों की जांच करेगी। साथ ही निर्धारित टर्नओवर से अधिक मिलने पर रजिस्ट्रेशन को अपग्रेड करने की कार्रवाई करेंगे। इसकी रिपोर्ट तैयार कर विभागीय अधिकारियों को सौंपी जाएगी। बताया जाता है कि टैक्स चोरी करने की शिकायत मिलने के बाद कारोबारियों के रिटर्न की ऑनलाइन और ऑफलाइन मोड पर जांच की।
इस दौरान पता चला कि कारोबारी अपने दस्तावेजों में हेराफेरी कर फर्म को छोटा बताकर कम टर्नओवर जमा कराया जा रहा था। इसके लिए एक जीएसटी नंबर पर कई फर्मो का संचालन किया जा रहा था। बता दें कि प्रदेश में 1 लाख 80 हजार के ज्यादा पंजीकृत कारोबारी है। इसमें करीब 1 लाख स्टेट जीएसटी और 80000 से ज्यादा कारोबारी सेंट्रल जीएसटी में पंजीकृत हैं।
फिल्ड में जाकर जांच करने पर टैक्स चोरी करने वाले कारोबारियों को चिन्हांकित किया जाएगा। साथ ही कंपोजिशन रजिस्ट्रेशन का लाभ लेने वाले कारोबारियों के पकड़े जाने पर उन्हें सामान्य रजिस्ट्रेशन में कंवर्ट करने पर टैक्स मिलेगा। इससे एक तरफ आम लोगों को राहत मिलने के साथ ही पंजीकृत कारोबारियों की संख्या बढ़ने से राजस्व में इजाफा होगा। बता दें कि मैरिज हाल, कोचिंग, कपड़ा, मनियारी, टाइल्स, बड़े रेस्टोरेंट, होटल संचालक, डेटोकेशन सेंटर और 1.50 करोड़ रुपए से कम के टर्नओवर वाले अन्य छोटे कारोबारी इसकी जद में आते हैं।
जीएसटी में कंपोजिशन योजना केंद्र सरकार द्वारा 1.50 करोड़ से कम टर्नओवर वाले कारोबारियों को राहत देने के लिए शुरू की गई है। इसके तहत छोटे कारोबारियों को जीएसटी का सरलीकरण करते हुए त्रैमासिक रिटर्न जमा करने की छूट दी गई है। जबकि, बडे़ कारोबारियों को प्रतिमाह रिटर्न जमा करना अनिवार्य किया गया है। जांच के दौरान कारोबारियों से जीएसटी नंबर, समाप्त हो चुके नंबरों पर कारोबार करने वालों को चिन्हांकित किया जाएगा। बता दें कि केंद्र सरकार के निर्देश पर देशभर में चलाए जा रहे अभियान के दौरान अब तक 74000 डीलर मिले हैं, जिनका कोई अस्तित्व ही नहीं है।
स्टेट जीएसटी की टीम बिना पंजीयन कराए कारोबारियों को चिन्हांकित कर करेगी। साथ ही गलत जानकारी देकर टैक्स चोरी और बिना ई-वे बिल सामानों का परिवहन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करेगी। बता दें कि पिछले 7 महीने में स्टेट जीएसटी द्वारा 11975 रुपए का राजस्व वसूली की गई है। जबकि, इसी अवधि में 2023 के दौरान 11,975 करोड़ रुपए का राजस्व मिला था।
Published on:
08 Nov 2024 08:10 am
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