
CG GST News: मेटल स्क्रैप खरीदने पर अब कारोबारी को 18 फीसदी जीएसटी जमा करना पडे़गा। केंद्र सरकार ने लगातार हो रही टैक्स चोरी की घटनाओं को देखते हुए 10 अक्टूबर को नया नियम लागू किया गया है। साथ ही जीएसटी विभाग को सख्ती के साथ कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए है।
कर विशेषज्ञ देवेन्द्र अग्रवाल ने बताया कि केन्द्र सरकार ने 54वीं जीएसटी काउंसिल की अनुशंसा को मानते हुए मेटल स्क्रैप खरीदी बिक्री पर नए जीएसटी कर प्रावधान को लागू किया है। जारी किए गए नोटिफिकेशन के अनुसार पंजीकृत स्क्रैप कारोबारी अगर अपंजीकृत से खरीदी करता है तो उसे 18 फीसदी जीएसटी के साथ 2 फीसदी टीडीएस भी देना पडे़गा।
जबकि इसके पहले केवल 18 फीसदी जीएसटी ही लगता था। वहीं अपंजीकृत व्यापारी का व्यापार पंजीकरण की सीमा 40 लाख से ऊपर होने पर उसे अनिवार्य रूप से रजिस्ट्रेशन लेना पड़ेगा। उसे किसी भी तरह की छूट नहीं मिलेगी।
साथ ही रिवर्स चार्ज मैकेनिजम (आरसीएम) का प्रावधान लागू किया गया है। बताया जाता है कि कबाड़ के कारोबार में हो रहे करोडों के खेल को देखते हुए केंद्र सरकार द्वारा नया कानून लागू किया गया है।
पंजीकृत स्क्रैप के कारोबारी द्वारा दूसरे पंजीकृत कारोबारी से 250000 रूपए से अधिक की खरीदी करने पर 2 फीसदी जीएसटी टीडीएस काट कर भुगतान करना पडे़गा। कटौती की यह राशि विक्रेता कारोबारी अपने रिटर्न के माध्यम से उक्त रकम का रिफंड ले सकेगा।
यह राशि कारोबारी को धारा 52 के तहत टीडीएस रजिस्ट्रेशन आईजे 7 के माध्यम से पोर्टल में करवाना पड़ेगा। इसका उल्लंघन करने पर 200 रुपए प्रतिदिन की दर से लेट फीस और 18 फीसदी की दर से ब्याज एवं जुर्माना देना पडे़गा।
CG GST News: प्रदेश में मेटल स्क्रैप का हर साल 8000 करोड़ रुपए से ज्यादा का कारोबार होता है। पंजीकृत कारोबारी अक्सर बिना किसी दस्तावेजी खानापूर्ति किए अवैध रूप से छोटे अपंजीकृत कारोबारी से खरीदी कर टैक्स की चोरी कर रहे थे।
यह खेल पिछले काफी समय समय से देशभर के साथ ही प्रदेश में चल रहा था। इसे देखते हुए जीएसटी विभाग द्वारा केंद्र सरकार को इसका ब्यौरा दिया गया था। बता दें कि प्रदेशभर में मेटल स्क्रैप के 300 से ज्यादा और 5000 से ज्यादा अपंजीकृत कारोबारी है।
Updated on:
28 Oct 2024 10:07 am
Published on:
28 Oct 2024 10:06 am
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