
Sunday Guest Editor: माइनिंग में चली गई ‘रोशनी’, कलाराम ने खेलो इंडिया में जीता गोल्ड, रोजाना 6 घंटे प्रैक्टिस(photo-patrika)
Sunday Guest Editor: छत्तीसगढ़ के रायपुर में सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले के कलामंदी गांव के रहने वाले 24 वर्षीय कलाराम उन लोगों के लिए हौसले और प्रेरणा की मिसाल है जिनके पास सब कुछ होते हुए भी वे निराश रहते है। माइनिंग का काम करते समय कलाराम की आंखों की रोशनी चली गई, लेकिन कलाराम ने हार नहीं मानी और लंबी कूद और 100 मीटर की दौड़ में 4 नेशनल गेम और खेलो इंडिया में गोल्ड मेडल जीता।
माइनिंग के काम के कारण कलाराम की एक आंख से दिखना बंद हो गया और दूसरी आंख से भी बहुत कम ही दिखता है, लेकिन कलाराम का हौसला कम नहीं हुआ और उन्होंने फिर से खेलना शुरू किया। कलाराम स्कूल में भी लॉन्ग जंप और दौड़ में भाग लेते थे तो अच्छा प्रदर्शन करते थे।स्कूल में उन्होंने कई सारे मेडल जीते थे। उन्हें पैरा एसोसिएशन के डिकेंस टंडन का साथ मिला और उनके मार्गदर्शन में कलाराम खेलने लगे।
कलाराम बेहद गरीब परिवार से हैं। राज्य सरकार से जो इनाम की राशि मिलती है, उससे जूते और स्पर्धा के लिए आने जाने की व्यवस्था करते हैं। कलाराम कहते हैं कि सरकार की थोड़ी भी मदद मिल जाए तो हम एशियन गेम और पैरा ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीत सकते हैं।
अभी गांव में खाली मैदान में रोजाना 6 घंटे प्रैक्टिस करने वाले कलाराम कहते हैं कि साल 2026 में होने वाले एशियन गेम और 2028 में होने वाले पैरा ओलंपिक के लिए तैयारी कर रहा हूं। गांव में ही अकेले प्रैक्टिस करता हूं। सुबह 3 घंटे और शाम को 3 घंटे प्रैक्टिस करता हूं और जब परेशानी आती है तो रायपुर के कोच तांडी सर से पूछकर उसे दूर करता हूं।
स्पर्धा: 100 मी. (तृतीय स्थान), लंबी कूद (प्रथम स्थान)
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Updated on:
05 Oct 2025 01:54 pm
Published on:
05 Oct 2025 01:53 pm
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