क्या है बीएस वाहन का मतलब?
जब भी गाड़ी की बात होती है तो उससे जुड़े एक नाम बीएस का भी जिक्र होता है। दरअसल, बीएस का मतलब भारत स्टेज से है। यह एक ऐसा मानक है जिससे भारत में गाडिय़ों के इंजन से फैलने वाले प्रदूषण को मापा जाता हैं।
इस मानक को भारत सरकार ने तय किया है। वहीं बीएस के आगे नंबर (बीएस-3, बीएस-4, बीएस-5 या बीएस-6) भी लगता है। बीएस के आगे नंबर के बढ़ते जाने का मतलब है उत्सर्जन के बेहतर मानक, जो पर्यावरण के लिए सही हैं। आसान भाषा में समझें तो बीएस के आगे जितना बड़ा नंबर लिखा होता है उस गाड़ी से उतने ही कम प्रदूषण होने की संभावना होती है। बहरहाल, आगामी 1 अप्रैल से बीएस-6 वाहन को अनिवार्य कर दिया गया है। इस मानक की गाड़ी से प्रदूषण बेहद कम होने की उम्मीद है। इसी को ध्यान में रखकर अब ऑटो कंपनियां बीएस-6 गाडिय़ां लॉन्च कर रही हैं।
सेकंड हैंड गाड़ी खरीदने से पहले रहें अलर्ट
कहने का मतलब ये है कि अगर आप कार या बाइक खरीदने जा रहे हैं तो बीएस4 वाहन के लिए आपको अलर्ट रहना होगा। आपको बीएस नंबर को लेकर अलर्ट रहना होगा। नहीं तो आपको बीएस4 से बीएस6 में अपग्रेड कराना पड़ सकता है। इतना ही नहीं, अगर आप सेकंड हैंड गाड़ी खरीदने भी जा रहे हैं तो आपको बीएस4 का ध्यान रखना होगा। वहीं, अगर बीएस4 से बीएस5 का अपग्रेशन करा रहे हैं तो इसके लिए आपको 10 से 20 हजार रुपए खर्च करना पड़ सकता है।