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Raipur Sky Walk: आठ साल से अधूरे स्कॉईवाक से निकालेंगे जर्जर पार्ट, ठेका एजेंसी ने लगाया तंबू, 38 करोड़ में निर्माण पूरा करने का काम शुरू

Raipur Sky Walk: ब्रिज डिवीजन ने एजेंसी को वर्कऑर्डर जारी करते हुए जल्द काम शुरू करने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही सबसे पहले स्कॉईवाक के जर्जर हो चुके पार्ट को बाहर निकालने का काम होगा।

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Raipur Sky Walk: आठ साल से अधूरे चर्चित स्कॉईवाक से निकालेंगे जर्जर पार्ट, ठेका एजेंसी ने लगाया तंबू, 38 करोड़ में निर्माण पूरा करने का काम शुरू

आठ साल से अधूरे चर्चित स्कॉईवाक से निकालेंगे जर्जर पार्ट (Photo Patrika)

Raipur Sky Walk: राजधानी के शास्त्री चौक पर 8 साल से अधूरा पड़ा चर्चित स्कॉईवाक का निर्माण अब पूरा कराने के रास्ते पर है। इसके लिए जिस एजेंसी को 38 करोड़ का ठेका मिला है, उसने मेकाहारा चौक के राइट साइड में अपना तंबू लगा लिया है।

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पीडब्ल्यूडी ब्रिज डिवीजन ने एजेंसी को वर्कऑर्डर जारी करते हुए जल्द काम शुरू करने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही सबसे पहले स्कॉईवाक के जर्जर हो चुके पार्ट को बाहर निकालने का काम होगा। फिर जिन पिलर्स को नीचे से काट दिया गया था, उसे फिर से बनाने का काम एजेंसी करेगी। यह स्कॉईवाक अब 80 से 85 करोड़ रुपए में तैयार हो सकेगा। क्योंकि इससे पहले 46 करोड़ से ज्यादा खर्च किया जा चुका है।

राजधानी के इस चर्चित स्कॉईवाक के निर्माण को पूरा करने का ठेका आरएसएए एजेंसी को मिला है, लेकिन 22 फीट ऊंचे इस स्कॉईवाक से शहर के लोग आना-जाना करेंगे या नहीं यह सवाल बना हुआ है। फिर भी इसका निर्माण 2016 में तत्कालीन रमन सिंह सरकार में पीडब्ल्यूडी मंत्री राजेश मूणत ने शुरू कराया था और 2018 में सत्ता परिवर्तन के साथ ही इसके निर्माण पर भूपेश सरकार ने रोक लगा दी थी, तब से आधी-अधूरी पड़ी हुई है।

इसके अधिकांश पार्ट में जंग लग चुका है। मेकाहारा अस्पताल चौक के पास के पिलर्स से नीचे से काटे जा चुके हैं। इस काम को पूरा करने के लिए अब साय सरकार के पीडब्ल्यूडी मंत्री अरुण साव 38 करोड़ रुपए में कराने जा रहे हैं। पीडब्ल्यूडी के अफसरों के अनुसार वर्कऑर्डर जारी कर दिया गया है। एजेंसी जल्द निर्माण शुरू करने जा रही है। पूरा करने में 5 से 6 माह माह लगेंगे। क्योंकि ट्रैफिक ज्यादा है।

इस स्कॉईवाक का निर्माण इस प्लान के साथ शुरू कराया गया था कि लोग जयस्तंभ के पास और कलेक्ट्रेट के मल्टीलेवल पार्किंग में अपनी गाड़ियां पार्क करेंगे। 63 पिलर्स वाले इस स्कॉईवाक से पैदल कलेक्ट्रेट, तहसील ऑफिस, टाउन एंड कंट्री प्लानिंग, शहीद स्मारक भवन और डीकेएस अस्पताल से आंबेडकर अस्पताल तक आवाजाही कर सकेंगे। उन्हें सड़क पर पैदल नहीं चलना पड़ेगा। सुविधा के लिए 8 जगहों पर लिफ्ट, चार एस्केलेटर लगेगा। डीकेएस और डॉ. आंबेडकर अस्पताल के बीच मरीजों को रेफर करने पर स्ट्रक्चर से ऊपर ही ऊपर पहुंचाया जा सकेगा।