
CG Hospital: छत्तीसगढ़ के रायपुर शहर के आंबेडकर अस्पताल के पैथोलॉजी लैब में खून कितना पतला है कि जांच करने वाली मशीन में तकनीकी खराबी होने के कारण रिपोर्ट हमेशा गलत आ रही है। इससे मरीजों की जान खतरे में पड़ जाती है। दरअसल पीटीआईएनआर जांच कार्डियो थोरेसिक एंड वैस्कुलर सर्जरी विभाग वाले डॉक्टर ही लिखते हैं। ये जांच हार्ट में मेटल का वॉल्व लगाने वाले व हाथ व पैर की नसों में ग्राफ्टिंग बायपास सर्जरी कराने वालों के लिए जरूरी है। इन मरीजों का खून ज्यादा गाढ़ा नहीं होना चाहिए। ऐसा होने पर खून मेटल के वॉल्व व ग्राफ्ट में चिपक जाता है। इससे मरीजों की जान जा सकती है।
पत्रिका की पड़ताल में पता चला है कि इंटरनेशनल नार्मलाइज्ड रेशो (आईएनआर) की रिपोर्ट पैथोलॉजी लैब में हमेशा एक से डेढ़ के बीच आता है। यानी यह सामान्य होता है। इस रिपोर्ट को देखकर डेढ़ साल पहले डॉक्टर ने खून पतला करने वाली दवा का डोज बढ़ा दिया था। इससे मरीज के नाक में ब्लीडिंग होने लगी। यही नहीं यूरिन में भी खून आने लगा। मरीज की हालत बिगड़ गई। फिर एक निजी लैब में जांच करवाने पर रिपोर्ट 4 से 5 के बीच आया। यानी इस मरीज का खून पहले से पतला था। पहली रिपोर्ट देखकर डॉक्टर ने और खून पतला करने की दवा दे दी।
जबकि दूसरी रिपोर्ट के अनुसार मरीज की खून पतला करने वाली दवा बंद करने की जरूरत थी। खून ज्यादा पतला होने से ब्रेन हेमरेज का खतरा भी बना रहता है। पत्रिका की पड़ताल में पता चला है कि लगातार रिपोर्ट गलत आने पर एचओडी पैथोलॉजी से कई बार शिकायत की गई है। इसके बावजूद मशीन के मेंटेनेंस पर ध्यान नहीं दिया गया। वॉल्व व ग्राफ्टिंग बायपास सर्जरी वाले मरीजों में आईएनआर की रिपोर्ट महत्वपूर्ण रहती है। इस मामले में अस्पताल अधीक्षक डॉ. एसबीएस नेताम का कहना है कि पैथोलॉजी विभाग से वस्तुस्थिति की जानकारी ली जाएगी। गलत रिपोर्ट की जानकारी नहीं है।
Updated on:
31 Aug 2024 11:00 am
Published on:
31 Aug 2024 10:56 am
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