
रायपुर . नगर निगम आग से निपटने के लिए बड़ी बड़ी तैयारियों का दावा करता है लेकिन जानकर हैरानी होगी कि शहर की भनपुरी, देवेंद्र नगर, खमतराई की टिंबर दुकानों का आज तक एक बार भी फायर ऑडिट नहीं किया गया।
बीते साल हुई आगजनी की घटनाओं के बाद जिला प्रशासन और नगर निगम ने मिलकर होटलों और शापिंग कॉम्प्लेक्स का फायर आडिट किया था, लेकिन टिंबर मार्केट की दुकानों का नहीं किया। पत्रिका ने सोमवार को देवेंद्र नगर और भनपुरी स्थित कुछ टिंबर दुकानों की पड़ताल की तो सच्चाई सामने आई कि यहां पर न तो आग बुझाने के उपकरण लगाए गए हैं और न ही रेत का इंतजाम किया गया है।
विस्थापन के प्रयास ही नहीं : शहर के सघन इलाके में तकरीबन 300 से ज्यादा टिंबर दुकानें व 150 आरा मिल संचालित हो रही हैं। जिला प्रशासन द्वारा सभी तरह के उद्योग और व्यापारों को शहर से बाहर करने की कवायद की जा रही है लेकिन टिंबर मार्केट व आरा मिल विस्थापन को लेकर कोई ध्यान नहीं दे रहा है।
फायर ऑडिट के समय फायर विभाग, जिला प्रशासन और नगर निगम मौके पर जाकर इस बात की जाँच करता है कि जिस स्थान पर टिंबर की दुकानें संचालित हो रही है। वहां आग लगने पर उस पर काबू पाने के पर्याप्त उपाय हैं या नहीं। आग से निपटने के पर्याप्त संसाधन होने पर ही नगर निगम फायर ऑडिट का सर्टिफिकेट देता है। नगर निगम की अपनी दलीले है, लेकिन अब भी गोदामों का फायर आडिट नहीं हुआ। गोदामों से सुलगने वाली चिंगारियों पर रोक लगा पाना संभव नहीं हो सकेगा।
ज्वलनशील पदार्थों के पास हो रेत
काम करने वाले कर्मचारियों ने लिए सुरक्षा उपकरण अनिवार्य हैं।
[typography_font:14pt;" >अग्निशमन यंत्र लगाए जाने चाहिए। साथ ही उनका समय-समय पर रख-रखाव किया जाना चाहिए।
रायपुर के डीएफओ उत्तम गुप्ता ने बताया कि हमारे द्वार फायर सेफ्टी की जांच नहीं की जाती है। इसके लिए हमने निर्देश नहीं मिले हैं। यदि निर्देश मिलेंगे तो हम कार्रवाई करेंगे। निर्देश मिलने पर लाइसेंस नवीनीकरण के दौरान भी फायर प्रमाण पत्र की मांग की जाएगी।
कलक्टर ओपी चौधरी ने कहा कि प्रशासन आगजनी की घटनाओ के लिए सतर्क है। जिन संस्थानों में आग से निपटने के उपकरण नहीं है, उनके संचालकों पर एफआईआर करने के निर्देश दिए गए हैं।
Published on:
20 Mar 2018 10:23 am
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