
आसान होगा इलाज! 324 अस्पतालों में शुरू होगी व्यवस्था(photo-unsplash)
ABHA App: अब देश के किसी भी अस्पताल में इलाज करवाने वाले मरीज की कुंडली एक क्लिक पर मिल जाएगी। इसमें कब, कहां और कौन से डाक्टर ने संबंधित व्यक्ति का इलाज किया और कौन सी दवा दी है उसके नाम की पूरी जानकारी उपलब्ध होगी। इसके बाद फाइलें और रेकॉर्ड रखना बीते जमाने की बात हो जाएगी।
दरअसल, केंद्र सरकार की ओर से लागू की गई आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन योजना के तहत आभा ऐप के जरिए अब मरीजों का सारा हैल्थ रेकार्ड ऑनलाइन होगा। यह पहल जिले के 324 प्राइवेट और सरकारी अस्पतालों में शुरू की जाएगी। ट्रायल के तौर पर शहर के कई सरकारी अस्पतालों में यह व्यवस्था लागू है।
मरीज जैसे ही अस्पताल पहुंचेगा वहां ओपीडी से लेकर दवाई लेने तक का रेकॉर्ड ऑनलाइन हो जाएगा। पर्ची व कार्ड सिस्टम खत्म हो जाएगा। वहीं, डॉक्टर भी मरीज की फाइल देखना चाहेंगे तो ऐप के जरिए मरीज की जनरेट आईडी नंबर को सिस्टम में डालकर सभी पुराने हैल्थ रेकॉर्ड देख पाएंगे।
रायपुर के सीएचएमओ डॉ. मिथलेश चौधरी ने कहा की इलाज से संबंधित ऑनलाइन डेटा एक जगह हो जाने से यह योजना बहुत फायदेमंद है। इससे मरीजों का काम आसान हो जाएगा। इस योजना को जल्द ही सभी अस्पतालों में लागू किया जाएगा।
ऐप में शहर के सारे सरकारी व प्राइवेट अस्पतालों का रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होगा। डॉक्टरों को भी इस अपना हैल्थ प्रोफेशनल रजिस्ट्री आईडी बनाना होगा। क्योंकि बिना रजिस्ट्रेशन के कोई भी डॉक्टर मरीज की हैल्थ रिपोर्ट देखने के लिए अथराइज्ड नहीं होगा। इसका इस्तेमाल करने पर सरकार की ओर से इन्सेंटिव भी दिया जाएगा।
इस ऐप का इस्तेमाल रायपुर जिले में भी शुरू हो चुका है। सीएचएमओ कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार एस, मेडिकल कॉलेज, जिला अस्पताल कालीबाड़ी, सिविल अस्पताल माना, 11 सीएचसी समेत 16 अस्पतालों में यह सुविधा शुरू की गई है। अभी 17 यूपीएचसी अस्पतालों को भी ट्रायल के तौर पर जोड़ा गया है। आगामी दिनों में 22 पीएचसी में भी यह सुविधा शुरू की जाएगी। जिसके बाद जिले के 324 प्राइवेट अस्पतालों को इस मिशन से जोड़ा जाएगा।
मरीज को अस्पताल या क्लीनिक की ओपीडी में लगे क्यूआर कोड को स्कैन करना पड़ेगा। आभा ऐप में मरीज का नंबर जनरेट होगा। उसको डालते ही ओटीपी प्राप्त होगी। उस ओटीपी को डालते ही आईडी में डॉक्टर को मरीज का सारा हैल्थ रेकॉर्ड ऑनलाइन दिखने लगेगा। मरीज जहां-जहां भी इलाज कराएगा, उसका रेकॉर्ड आनलाइन आईडी में डलते जाएगा।
प्राइवेट अस्पताल व क्लीनिक जो इनकम टैक्स से बचने के लिए अपने यहां कम ओपीडी समेत अन्य जानकारियां देते हैं। इस ऐप का उपयोग अनिवार्य होने के बाद बच नहीं पाएंगे। क्योंकि उन्हें मरीजों के इलाज का पूरा विवरण ऑनलाइन डालना होगा।
यदि दूसरे राज्य से कोई मरीज इलाज कराने आता है तो सुविधा का लाभ उसे मिलेगा। उसे किसी भी तरह की फाइल लेकर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। वहां भी डॉक्टर मरीज का जनरेट नंबर डालकर सारी जानकारी ले सकेगा।
कई बार किसी बीमारी का इलाज कराने के बाद मरीज फाइल खोने से ट्रीटमेंट हिस्ट्री नहीं बता पाता। इससे वर्तमान में इलाज करने वाले डॉक्टर को भी परेशानी होती है, लेकिन आभा ऐप में रेकॉर्ड सुरक्षित रहने से पिछले इलाज से संबंधित पुराना डेटा भी मिल जाएगा। इससे फाइल खोने का दर्द नहीं रहेगा।
Updated on:
19 Aug 2025 11:06 am
Published on:
14 Jul 2025 11:25 am
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