
गणेश भगवान की अनोखी मूर्ति... प्रतिमा में उगाया मूंग, उड़द व चना, कलाकार ने 5 साल में तैयार किया प्लान
दिनेश यदु
रायपुर।Ganesh Chaturthi 2023 : पौराणिक कथाओं और सनातन धर्म के अनुसार भगवान गणेश को सभी देवताओं से पहले पूजा जाता है। आगामी 19 सितंबर को गणपति की स्थापना की जाएगी। प्रदेशभर के मूर्तिकारों द्वारा भगवान गणेश की प्रतिमा से भक्तों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करने के लिए विभिन्न प्रतिमाएं बनाई जा रही हैं। अब प्लास्टर ऑफ पेरिस की जगह मिट्टी का उपयोग किया जा रहा है और सिंथेटिक रंगों की जगह जैविक रंगों का उपयोग किया जा रहा है।
प्राकृतिक खुशबू
नवा रायपुर निमोरा के मूर्तिकार पीलूराम साहू ने गणपति बप्पा की मूर्तियों को मिट्टी के अलावा हरित उपजों से भी बनाया है। उन्होंने इन मूर्तियों के निर्माण में गेहूं, चना, धान, उड़द, मूंग, चना, सरसों के बीजों का उपयोग किया है। शरीर में धान और गेहूं है, धोती में मूंग और उड़द है, मुकुट में चना है, तिलक में मूंग है, हार में मूंग और सरसों, कड़ा में चना है। इन मूर्तियों से करीब 6 फीट की मूर्तियों से प्राकृतिक खुशबू आती है।
मूर्तिकार पीलूराम साहू ने बताया कि प्राकृतिक गणेश की मूर्ति बनाने का विचार उन्होंने पिछले 4 से 5 वर्षों से किया था और इस वर्ष उनका सपना पूरा हुआ है। वे मूर्तिकला, आध्यात्मिकता और विज्ञान को साथ लेकर काम करते हैं। वे कहते हैं कि दुर्गा और गणेश के प्रतिमाओं में हमेशा से मिट्टी, गोबर, लकड़ी, भूसी, पैरा, कपड़ा, सुतली का ही प्रयोग किया जाता है।
उनके पास 7-8 अजूबेदार काम हैं, जिनका रिसर्च वे 10-12 सालों से कर रहे हैं। वे बचपन से ही कुछ नया करने के लिए जुनूनी रहे हैं। उन्होंने अपने बचपन में लकड़ी की साइकिल बनाई और उसमें बैठकर पूरे गांव को घूमा था। वे 27 फीट की काली मां की मूर्ति मिट्टी से बनाई थी, जो रायपुर में पहली बार बनी थी। पहले मुख्यमंत्री अजीत जोगी के जीवन पर आधारित एक आर्ट बनाकर वे उसे गिफ्ट कर चुके हैं, जो सच हो गया।
Published on:
10 Sept 2023 01:44 pm
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