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CG Liquor Scam: शराब घोटाला मामले में वांडेट विजय भाटिया दिल्ली से गिरफ्तार, पूर्व CM के हैं करीबी, इधर दुर्ग में EOW का छापा

CG Liquor Scam: छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाले में एसीबी की टीम ने बड़ी कार्रवाई की है। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने फरार आरोपी विजय भाटिया को दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया है।

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वांडेट विजय भाटिया दिल्ली से गिरफ्तार ( फोटो सोर्स- पत्रिका)

वांडेट विजय भाटिया दिल्ली से गिरफ्तार ( फोटो सोर्स- पत्रिका)

CG Liquor Scam: छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाले में एसीबी की टीम ने बड़ी कार्रवाई की है। आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (ईओडब्ल्यू) ने एक बार फिर विजय भाटिया के दुर्ग स्थित आवास पर छापा मारा है। वहीं, भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने फरार आरोपी विजय भाटिया को दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया है। भाटिया को पूछताछ के लिए छत्तीसगढ़ लाया जा रहा है।

आपको बता दें की विजय भाटिया को पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का करीबी माना जाता है। इससे पहले ईओडब्ल्यू, एसीबी और ईडी की टीमें तीन बार नेहरू नगर स्थित भाटिया के ठिकानों पर छापेमारी कर चुकी हैं। पिछली बार भाटिया फरार हो गया था, लेकिन इस बार उसे दिल्ली से पकड़ा गया।

इनके यहां टीम ने मारा छापा

खबरों के मुताबिक, एसीबी और ईओडब्ल्यू की टीमें दुर्ग और भिलाई के 5 ठिकानों पर एक साथ छापे की कार्रवाई कर रही है। संतोष रामटेके जो कारोबारी के मैनेजर हैं उनके घर पर भी टीम ने रेड की है। रविवार सुबह से ही EOW की टीम कार्रवाई में लगी है और शराब घोटाला मामले में दस्तावेज खंगाल रहीं हैं। बता दें कि सतोष रामटेके वर्तमान में दिल्ली में हैं।

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CG Liquor Scam: ED की चार्जशीट में 21 आरोपी

ED ने अपनी चार्जशीट में 21 लोगों को आरोपी बनाया है, जिनमें पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा, अनवर ढेबर, अनिल टुटेजा, त्रिलोक सिंह ढिल्लन, छत्तीसगढ़ डिस्टलर, वेलकम डिस्टलर, टॉप सिक्योरिटी, ओम साईं ब्रेवरेज, दिशिता वेंचर, भाटिया वाइन मर्चेंट और सिद्धार्थ सिंघानिया जैसे नाम शामिल हैं।

28 दिसंबर 2024 को ED ने कवासी लखमा और उनके परिवार के सदस्यों के ठिकानों पर छापेमारी की थी, जिसमें कई महत्वपूर्ण दस्तावेज और डिजिटल डिवाइस जब्त किए गए। इसके बाद 15 जनवरी 2025 को लखमा को गिरफ्तार कर लिया गया। वर्तमान में वे रायपुर सेंट्रल जेल में बंद हैं।

भूपेश सरकार के दौरान हुआ घोटाला

ईडी की रिपोर्ट के मुताबिक, तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के कार्यकाल में आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा, आबकारी विभाग के एमडी एपी त्रिपाठी और अनवर ढेबर ने मिलकर इस घोटाले को अंजाम दिया था। आरोप है कि यह पूरा नेटवर्क राज्य में अवैध रूप से शराब बांटकर मोटा मुनाफा कमा रहा था।