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अद्भुत: मां चंडी के दरबार में आरती में शामिल होने आते हैं भालू, श्रद्धालुओं को नहीं पहुंचाते नुकसान- See Video

Weird News: नवरात्र (Navratri) में महासमुंद के घुंचापाली स्थित मां चंडी देवी के मंदिर (Maa Chandi Devi Temple) में सालों से आ रहे भालू, श्रद्धालुओं के बीच घूमकर आराम से चले जाते हैं जंगल की ओर, नुकसान नहीं पहुंचाए जाने से श्रद्धालुओं (Divotees) में भी इस मंदिर के प्रति और बढ़ गई है आस्था

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Amazing

Bears in Temple

रायपुर. Amazing: यदि भालुओं से अचानक सामना हो जाए तो वे हमला कर देते हैं, लेकिन महासमुंद जिले के बागबहरा के घुंचापाली स्थित मां चंडी देवी के मंदिर में भालू आरती में शामिल होते हैं। इस दौरान काफी संख्या में श्रद्धालु मौजूद होते हैं लेकिन वे उन्हें नुकसान नहीं पहुंचाते।

इस कारण इस मंदिर के प्रति श्रद्धालुओं में अपार आस्था है। यहां पहुंचने वाले लोग भालुओं की तस्वीरें व वीडियो अपने कैमरे व मोबाइल में कैद करते हैं। इस बार के शारदीय नवरात्र में भी ऐसा ही नजारा मंदिर परिसर में देखा गया।

गौरतलब है कि महासमुंद जिले के बागबहरा के घुंचापाली में मां चंडी देवी का मंदिर है। नवरात्र में माता के दर्शन करने काफी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। कोरोना गाइड लाइन के चलते प्रशासन द्वारा श्रद्धालुओं की संख्या निर्धारित कर दी गई है।

इस मंदिर की अनोखी बात यह है कि माता की आरती के दौरान पास के जंगल से कई भालू मंदिर में आकर शामिल होते हैं। इस दौरान वे श्रद्धालुओं को किसी प्रकार का नुकसान नहीं पहुंचाते।

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अमूमन यह देखने में आता है कि मानव को देखते ही भालू उस पर हमला कर देते हैं, लेकिन यहां ऐसा बिल्कुल नहीं है। मंदिर में प्रसाद खाने के बाद भालू जंगल में चले जाते हैं।

IMAGE CREDIT: Weird News

लोगों की बढ़ी है आस्था
इस नवरात्र भी भालुओं के मंदिर में पहुंचने का सिलसिला जारी है। पिछले साल कोरोना संक्रमण की वजह से मां चंडी का दरबार सूना है, हालांकि अभी भी कुछ श्रद्धालु यहां दर्शन करने पहुंचते हैं। भालुओं द्वारा कोई नुकसान नहीं पहुंचाए जाने से लोगों की आस्था यहां के प्रति और बढ़ी है।

कोरोना काल में भी भालुओं का परिवार (Bears Family) माता रानी की आरती के समय रोजाना मंदिर पहुंच जाया करता था। आरती में शामिल होने के बाद फिर जंगल में वापस चले जाते थे।

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पशु बलि की मनाही
मां चंडी मंदिर में पशुबलि (Cattle sacrifice) पूर्ण रूप से प्रतिबंध है, माता चंडी को सिर्फ फल-फूल, साड़ी, श्रृंगार सहित नारियल चढ़ाकर पूजा-अर्चना की जाती है, यहां जो भी अपनी मन्नतें लेकर आता है, माता रानी उसे पूरा करती हैं। सभी की मनोकामना पूरी होने की मान्यता यह है कि नवरात्र में मां चंडी के दर्शन करने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं।

By Dinesh Yadu