
Funeral
रायपुर. कोरोना काल में सामाजिक मान्यताओं के टूटने की कई ऐसी खबरें सामने आई। कोरोना संक्रमण से मौत होने के बाद अधिकतर परिजन अंतिम संस्कार नहीं कर पाते हैं। सामान्य मृत्यु पर अंतिम संस्कार मृतक के बेटा, बेटी या रिश्तेदार करते हैं। लेकिन, रायपुर के माना वृद्धाश्रम में एक बुजुर्ग बुधराम यादव की 8 अक्टूबर की रात मौत हो गई, जिसका अंतिम संस्कार उसकी पत्नी सीता बाई (Husband Last Rites by Wife) ने मारवाड़ी शमशान घाट में किया।
अंतिम संस्कार होने के बाद सीता बाई ने पत्रिका टीम को बताया कि वह अपने पति के साथ रायपुर स्थित टिकरापारा में काफी दिनों से किराए के मकान में रह रहे थे। मेरे पति का स्वास्थ जब 22 सितंम्बर को खराब हुआ, तो मेरे मकान मालिक जया पोटेकर और उनकी सहेली वीणा सोनी से हमारी हर तरीके से मदद की है। पहले हॉस्पीटल ले जाकर इलाज करवाया, उसके बाद हमें माना वृद्धाश्रम छोड़कर रोजाना मिलने आते।
उन्होंने बताया कि वे लोग निसंतान हैं। 8 अक्टूबर को उनके पति को निधन हो गया, जिसके कारण मुझे अंतिम संस्कार करना पड़ा। ऐसे समय में भी उन दोनों में मेरी बहुत मदद की। हमारे परिवार के लोग मंदिरहसौद के सिवनी में रहते है, पर एक भी लोग हमारी जानकारी लेने नहीं आए।
Published on:
10 Oct 2020 09:38 pm
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