
International Tiger Day: बच्चों ने पेटिंग्स बना कर दिया "सेव द टाइगर" का संदेश
रायसेन@शिवलाल यादव की रिपोर्ट...
29 जुलाई अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस मनाया जाता है। इसकी शुरूआत बाघ को सुरक्षित रखने और उनकी संख्या में इजाफा करने के लिए की गई। यही कारण है कि इसे हर साल बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। जिले में भी रविवार को वनविभाग द्वारा अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस के उपलक्ष्य में पेंटिंग्स प्रतियोगिता आयोजित की गई। जिसमें सभी बच्चों ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया। इस दौरान पुरस्कार वितरण भी किया गया।
बाघ को बचाने का दिया संदेश
इस प्रतियोगिता के अंतर्गत सभी बच्चों ने अपनी पेटिंग्स में बाघ को बचाने का संदेश दिया। सिर्फ बाघ को ही नहीं बल्कि सभी जानवरों को बचाने का भी संदेश दिया। कुछ बच्चोें ने तो इस तरह की पेंटिग्स बनाई, मानो बाघ खुद अपनी व्यथा सुना रहा हो। अपनी कहानी कहकर, वह कह रहा हो कि हमें जीने दो। कुछ बच्चों ने मजाकियां अंदाज में भी टाइगर को सेव करने का संदेश दिया।
प्रतिभागियोें को दिया गया पुरस्कार
यह प्रतियोगिता तीन केटेगरी में आयोजित हुई। इसमें फस्र्ट, सेकण्ड और थर्ड आने वाले प्रतिभागियों को 11—11 हजार के पुरस्कार से नवाजा गया। साथ ही अन्य सभी प्रतिभागियों को बेहतर प्रयास के लिए सराहा गया।
वन्य जातियों से कराया अवगत
इस प्रतियोगिता के दौरान बच्चों को वन्य जातियों से अवगत कराया गया और उन्हें बाघ के साथ अन्य सभी प्राणियों की रक्षा के लिए कहा गया। बच्चों को बताया गया कि जानवरों से डरना नहीं चाहिए। वे भी इंसान से उतना ही डरते हैं, जितना की हम उनसे। साथ ही अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस की उपयोगिता के बारे में भी बताया।
अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस का हो रहा असर
बाघों की संख्या में सुधार के लिए 2010 के बाद सेव टाइगर नाम का अभियान चलाया गया। जिसके कारण बाघों की संख्या में इजाफा हुआ है। अब बाघों के इलाकों में बाघों की दहाड़ सुनाई देती हैं। जो कुछ वक्त पहले कही खो गई थी।
Published on:
29 Jul 2018 01:48 pm
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