
दो भाईयों का इतना गहरा रिश्ता, भगवान के घर भी पहुंचे साथ साथ
रायसेन @शिवलाल यादव की रिपोर्ट...
कहते है खून के रिश्तों को जिंदगी भर का साथ होता है। दुनिया में सिर्फ खून के रिश्ते ही ऐसे होते है। जो जिंदगी भर साथ देते है। खासकर यह रिश्ता जब दो भाई या दो बहनों का हो, तो खून के रिश्तों का महत्व बढ़ जाता है। दो बहनें तो फिर भी अपने अपने घर में वयस्त हो जाती है। पर, दो भाइयों का साथ जन्म मरण का साथ होता है। दो भाइयों की जिंदगी का साथ उपर से ही लिखकर आता है। ऐसा ही एक वाक्या शहर के पाटनदेव क्षेत्र में उस समय सच साबित हुआ जब डिप्टी रेंजर मिश्रीलाल तिलचोरिया के बड़े और छोटे भाई ने एक साथ अंतिम सांस ली।
बड़े भाई 65 वर्षीय झब्बूलाल तिलचोरिया शुगर की बीमारी से पीडि़त थे। उनके छोटे भाई छतर सिंह तिलचोरिया उम्र 45 को कैंसर की बीमारी थी। बड़ा भाई झब्बूलाल भोपाल के एक प्रायवेट हास्पिटल में दाखिल होकर इलाज करवा रहे थे। उन्हें जब रायसेन के छोटे भाई छतर सिंह की मौत की खबर मिली तो उसे गहरा सदमा हो गया। शाम के समय बड़े भाई झब्बू लाल का भी असामायिक निधन हो गया।
एक साथ दो भाईयों की मौत ने तिलचोरिया परिवार फिलहाल सदमे में है। एक साथ दो भाईयों की अर्थियां जब तिलचोरिया परिवार के पाटनदेव क्षेत्र स्थित घर के सामने सजीं तो लोगों की आंखें नम हो गईं। बड़े भाई के परिवार में पत्नी सहित दो पुत्र दो पुत्रियां हैं। रेंजरद्वय नरेंद्र कुामर चौहान, वीरेंद्र कुमार सहित वनकर्मचारी संघ के अध्यक्ष प्रभात यादव, महामंत्री नरेश कुशवाहा, डिप्टी रेंजर राकेश कैलोदिया सहित वनकर्मियों ने तिलचोरिया परिवार के द्वार पहुचंकर दुखी परिवार को ढांढस बंधाया।
सभी लोग दोनों भाईयों का प्यार देखकर हैरान रह गए। घर वालों का कहना है कि कौन कहता है कि इंसान अकेला जाता है। हमारे दोनों बेटे साथ में गए। कम से कम इस बात की तसल्ली तो है कि वे भगवान के घर भी अकेले नहीं है।

Published on:
12 Jun 2018 12:02 pm
बड़ी खबरें
View Allरायसेन
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग
