कुरावर. अटल ज्योति योजनांतर्गत ग्रामीण अंचलों में नियमित रुप से बिजली की सप्लाई करने के उद्देश्य से शासन ने राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना चलाई हैं। जिसके तहत गांव-गांव में बिजली के खंभे लगाए जा रहे हैं और ट्रांसफार्मरों की संख्या भी बढ़ाई गई हैं। ताकि लोड की वजह से बिजली सप्लाई बाधित ना हो, इसके अलावा बिजली चोरी न हो।
इसके लिए गांवों में नये खंभे लगाकर केबलीकरण का कार्य करवाया जाना था, लेकिन शासन की इस मंशा का कितना पालन हो रहा है, यह ग्रामीण अंचलों पर जाने से पता चलता हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में कही पर ट्रांसफार्मर रखकर खंभों में तार या केबल डालना भूल गए है, तो कही पर आधे गांव में ही केबलीकरण किया गया है। कई ऐसे गांव भी है, जहां महीनों पहले खम्भे तो गाड़ दिए गए, लेकिन उनमें ठेकेदार केबल डालना ही भूल गए। जिससे ग्रामीण अंचलों में फ ाल्ट से लगातार कम वोल्टेज या फिर लगातार कई दिनों तक बिजली गुल रहने की शिकायतें आना आम बात हो गई हैं।
जर्जर खंभों पर हो रही बिजली सप्लाई
औद्यौगिक नगरी पीलूखेड़ी भी बिजली कंपनी से काफी परेशान हैं। गांव में विगत वर्ष केबलीकरण का कार्य शुरु हुआ था, इस दौरान ठेकेदार ने आधे गांव में खंभे बदलकर केबलीकरण तो कर दिया, लेकिन बाकी का आधा गांव अधूरा छोड़कर चला गया। जिससे आधे गांव में फ ाल्ट या कम वोल्टेज से रहवासी परेशान हैं। ऐसे में आटा चक्की सहित अन्य बिजली आधारित व्यवसाय ठप पड़े हुए हैं। वही जर्जर खंभों पर भी बिजली सप्लाई का भार है, जिससे हमेशा दुर्घटना का डर बना रहता है। उधर गीलाखेड़ी में एक वर्ष पूर्व केबलीकरण के लिए बिजली के खंभे तो लगा दिये थे, लेकिन आज तक उनमें केबल नहीं डाली गई। जिससे गांव में पुराने जर्जर तारों से बिजली की सप्लाई दी जा रही हैं। ऐसे में ग्रामीणजन कम वोल्टेज से परेशान हैं।
स्वयं तार खरीदकर डाली लाइन
झाडला ग्रिड से जुड़े करीब चार हजार की आबादी वाले गांव बोरखेड़ा में विगत कई वर्षों से बिजली नहीं थी। ट्रांसफ ार्मर जले हुए थे। जिससे ग्रामीणों को अंधेरे में गुजर बसर करना पड़ रहा था। ग्रामीण हर जगह शिकायत करके हार गये थे, लेकिन कही कोई सुनवाई नहीं हो रही थी। संयोग से बीते 10 माह पहले प्रभारी मंत्री यशोधराराजे सिंधिया ग्रामीणजनों की समस्या सुनने गांव पहुंची। उस समय ग्रामीणों ने उनसे अपनी व्यथा सुनाई। जिस पर प्रभारी मंत्री ने विभागीय अधिकारियों को जमकर फ टकार लगाते हुए 24 घंटे के अंदर गांव में तीन ट्रांसफार्मर लगवाने के निर्देश दिए थे। ग्रामीणों ने बताया कि मंत्री जी के आदेश पर विभाग ने ट्रांसफ ार्मर तो लगवा दिए थे। लेकिन गांव में लाइन अभी तक नहीं खींची। ऐसे में विभाग की सहमति से हम 230 लोगों ने स्वयं तार खरीदकर ट्रांसफार्मर से ही डायरेक्ट कनेक्शन ले लिया हैं। हालांकि दूर से लाइन खींचने पर वोल्टेज की समस्या रहती है, फि र भी विभाग से जो बिल आ रहा है, उसका भुगतान कर रहे है। यही हाल पांच हजार की आबादी वाले गांव कोटरीकलां का भी हैं।
बोरखेडा गांव में खम्भों में लगे तार काफ ी जर्जर है, इसलिए उनमें बिजली सप्लाई नहीं की जा रही है। फि लहाल ग्रामीणों को ट्रांसफ ार्मरों से ही 230 कनेक्शन दे दिए गए हैं। वहां ओर कोटरीकलां के लिए केबलीकरण कार्य का वर्कआर्डर दे दिया गया है। सम्भवत: ठेकेदार अगले महीने तक कार्य शुरू कर देगा।
-रघुवीर धुर्वे, जेई झाड़ला ग्रिड
पीलूखेड़ी एवं गीलाखेड़ी में ठेकेदार ने तय समयसीमा में केबलीकरण का कार्य पूर्ण नहीं कर पाये थे। इसलिए उन्हें टर्मिनेट कर दिया गया है। नए ठेकेदार को वर्कआर्डर दे दिया गया है, फि लहाल उसने गेहंूखेड़ी से कार्य शुरू भी कर दिया हैं। अगले महीने तक प्राथमिकता से दोनों गांवों में कार्य करना शुरु कर देगा।
-धर्मेंद्र ठाकुर, जेई कुरावर ग्रिड