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राजगढ़। जिले में संचालित हो रहे 23 बड़े हाईस्कूल और हायर सेकंडरी स्कूलों की नवीन मान्यता को संयुक्त संचालक लोक शिक्षण भोपाल द्वारा अमान्य कर दिया गया है। ऐसे में इन स्कूलों में पढऩे वाले बच्चों का भविष्य अधर में नजर आ रहा है। क्योंकि इन स्कूलों में पढऩे वाले सभी बच्चे हाईस्कूल से ऊपर के है और उनकी परीक्षा फरवरी-मार्च माह में आयोजित होगी। ऐसे में एक तरफ मान्यता का डर दूसरी तरफ पढ़ाई का बोझ।
हाल ही में संकाय में वृद्धि या फिर नवीन मान्यता और मध्यमवृद्धि पता व परिवर्तन से जुड़े हुए मामलों में 33 स्कूलों ने आवेदन किए थे। जिनका भौतिक सत्यापन संयुक्त संचालक लोक शिक्षण भोपाल द्वारा टीम गठित कर कराया गया। जहां निर्धारित मापदंडों की पूर्ति नहीं करने वाले एक या दो नहीं बल्कि ३३ में से २३ स्कूलों में कमियां पाई गई। इसी आधार पर इन सभी स्कूलों के दिए गए आवेदन अमान्य कर दिए गए। जिन स्कूलों की नवीन मान्यता वर्ष 2018-19 के लिए अमान्य की गई। उनमें ब्यावरा, सुठालिया, जीरापुर, खिलचीपुर, खुजनेर आदि के स्कूल शामिल है।
कमिश्नर को अपील का मौका
संचालक लोक शिक्षण भोपाल द्वारा नवीन मान्यता या नवीनीकरण के जो प्रकरण मान्य किए गए है। उनकी अपील कमिश्रर शिक्षा के पास 30 दिन के अंदर की जा सकती है। जिनमें कमियों को पूरा करके आवेदन किया जा सकता है।
ये है स्कूल
-ज्योति कान्वेंट खिचलीपुर।
- मां शारदा पब्लिक स्कूल कोडिय़ाखेड़ी।
- अचल कान्वेंट स्कूल।
-मां सरस्वती एकेडमी जीरापुर।
-एसबीएस तलेन।
-सरकार विद्या निकेतन बोड़ा।
-मालवा पब्लिक स्कूल ब्यावरा।
-स्पीरिच्यूल विवेकानंद स्कूल पाड़ल्यामाता।
-चित्रांश कान्वेंट कुरावर।
-एसएस एकेडमी जीरापुर।
-एसबीएस कान्वेंट ब्यावरा।
-पालीवाल पब्लिक स्कूल खुजनेर।
-विवेकानंद एकेडमी सी सेकंडरी ब्यावरा।
-रविन्द्र कान्वेंट छापीहेड़ा।
-सेफिल्ड हाईस्कूल।
-देव कान्वेंट हाईस्कूल गीलाखेड़ा।
-एसबीएन कान्वेंट स्कूल ब्यावरा।
-एसबीएन स्कूल तलेन।
-सांई एजुकेशन एकेडमी बोड़ा।
-इंडियन आदर्श एकेडमी सुठालिया।
-गुरूकुल पब्लिक स्कूल लखनवास।
-सरस्वती शिशु मंदिर पचोर।
-एमजीएम कान्वेंट स्कूल जीरापुर।
भौतिक सत्यापन के दौरान मूलभूत सुविधाएं जैसे प्रयोगशाला, मैदान, भवन सहित कागजी दस्तावेजों की कमी होने के कारण इन स्कूलों के आवेदन अमान्य किए गए है।
- बलवंत वर्मा, जेडी शिक्षा विभाग भोपाल
जिलेभर के जिन स्कूलों की मान्यता अमान्य की गई है उन्हें शीघ्र ही कमियों को पूरा करते हुए प्रथम अपील करनी होगी, नहीं तो यह बच्चों की पढ़ाई के लिए सही नहीं होगा, वही दूसरी अपील सीधे शिक्षा मंत्री के पास होती हैं। सालभर कई स्कूल इन बातों पर ध्यान नहीं देते, बाद में इस तरह परेशान होना पड़ता हैं। जैसे ही सूची हम तक पहुंची, हमने संबंधित स्कूलों को सूचना पहुंचा दी हैं।
-एसके मिश्रा डीईओ राजगढ़
Published on:
28 Dec 2017 10:43 am
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