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18 दिन से तड़प रहा था बच्चा, पैर में घुसी थी कैनुला की सुई

ब्यावरा के झरखेड़ा की प्रसूता का नवजात हुआ सरकारी अस्पताल की लापरवाही का शिकार

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जिला अस्पताल का स्टाफ लगातार अपनी कारगुजारियों के लिए सुखिर्यों में रहता है। मरीजों के साथ किस तरह की लापरवाही बरती जाती है इसका नया मामला सामने आया है। यहां के एसएनसीयू वार्ड में भर्ती एक नवजात के पांव में संबंधित स्टाफ ने कैनुला की सुई ही छोड़ दी, जिससे बच्चा करीबन 18 दिन तक दर्द से तड़पता रहा। परिजन समझ ही नहीं पाए कि वह क्यों रो रहा है? बाद में जब स्थानीय स्तर पर चेक कराया तो पांव में फुंसी दिखाई दी। उसमें से करीब दो सेमी लंबी सुई निकली है। जिसे देखकर हर कोई हैरत में पड़ गया।

यानी कैनुला निकालने के दौरान ऊपरी हिस्सा नर्सिंग स्टाफ से टूट गया और बची हुई सुई को उसने पांव में ही रहने दिया। जिसका परिजनों को भी नहीं बताया गया। कुल 18 से 19 दिन पांव के भीतर ही वह सुई रही, जिसके दर्द को बच्चा सह नहीं पाया। असहनीय दर्द से बच्चा कराहता रहा। इतनी बड़ी लापरवाही सामने आने के बाद परिजनों ने स्वास्थ्य विभाग, कलेक्टर, एसपी और सीएम हेल्प लाइन 181 पर शिकायत दर्ज करवाई है। नवजात के पिता और परिजनों ने जिम्मेदारों पर सख्त से सख्त कार्रवाई की मांग की है, साथ ही इस ढर्रे को सुधारने की भी मांग संबंधितों के समक्ष रखी है।

पैर में फुंसी दिखने पर हुआ खुलासा

मनीषा पति कन्हैयालाल दांगी निवासी झरखेड़ा (24) का प्रसव 27 जून को जिला अस्पताल में हुआ था। बच्चे को कोई दिक्कत होने से उसे 28 जून को एसएनसीयू में भर्ती कराया गया था। इसके बाद 1 जुलाई की दोपहर 12 बजे बच्चे को छुट्टी दे दी गई। इस दौरान उसके ट्रीटमेंट के लिए पांव में लगाया गया कैनुला किसी ड्यूटी स्टाफ ने निकाला। उसे निकालने के दौरान संभवत: ऊपरी हिस्सा टूट गया। वहीं, निडिल पांव में ही फंसी रह गई। संबंधित स्टाफ ने न सुई निकालने का प्रयास किया न ही इस संबंध में बच्चे की मां या परिजन को बताया। पूरे 18 दिन बच्चा दर्द से तड़पता रहा, रोता रहा। 19 जुलाई को जब बच्चे को दिखाया गया तो एक फुंसी नजर आई। जिसे देखा तो उसमें से सुई निकली।

मैं पूरे मामले की जांच करवाऊंगी

आप मुझे संबंधित मरीज की जानकारी भिजवा दें। मैं पूरे मामले की विस्तृत जांच करवाती हूं। जिसकी भी लापरवाही इसमें सामने आती है, मैं सख्त से सख्त कार्रवाई करूंगी।

-डॉ. किरण वाडिवा, सीएमएचओ, राजगढ़