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22 अगस्त तक महज 560 मिमी बारिश हुई, सूखे के आसार

एमपी के कई जिलों में मानसून मानो रूठ गया है। राजगढ़ जिले में भी अब तक औसत से आधी बारिश ही हुई है। यह बारिश भी लगातार नहीं होने से कुएं, तालाब और बांध जैसे जलस्त्रोतों में पानी की पर्याप्त बढ़ोतरी नहीं हुई है।

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राजगढ़ जिले में भी अब तक औसत से आधी बारिश ही हुई

एमपी के कई जिलों में मानसून मानो रूठ गया है। राजगढ़ जिले में भी अब तक औसत से आधी बारिश ही हुई है। यह बारिश भी लगातार नहीं होने से कुएं, तालाब और बांध जैसे जलस्त्रोतों में पानी की पर्याप्त बढ़ोतरी नहीं हुई है। राजस्थान से सटा होने और पठारी इलाका होने के कारण इस जिले में जलसंकट की नौबत बनी रहती है, अब बारिश कम होने से जलस्त्रोत खाली हैं और भूजल स्तर भी काफी नीचे चला गया है। लंबे अरसे बाद इस साल फिर राजगढ़ जिले में सूखे के आसार नजर आ रहे हैं।

मानसून के लगभग दो माह बीत चुके हैं, लेकिन जिले में नदियां, कुएं, तालाब, बांध खाली पड़े हैं। खेत सूख रहे हैं। फसल का रंग हरे से पीले की तरफ बढ़ने लगा है। किसान चिंतित है। पिछले साल 22 अगस्त तक जिले में 1246 मिमी बारिश रेकार्ड हो चुकी थी। इस साल मात्र 560 मिमी बारिश हुई है। यह अब तक होने वाली औसत बारिश से लगभग आधी ही है। इन परिस्थितियों में मानसून का लंबा ब्रेक गंभीर स्थिति के संकेत दे रहा है।

मोहनपुरा डैम के निर्माण से पहले राजगढ़ जिले के खिलचीपुर, सारंगपुर, राजगढ़ और ब्यावरा से जुड़े हुए कई गांव के लोग पेयजल के लिए परेशान होते थे। बीते 3 साल से जिले में औसम से अधिक बारिश हो रही थी। लेकिन इस बार काफी कम बारिश हुई हैै। ऐसे में गर्मी के पहले ही पेयजल के स्रोत सूख जाएंगे। कई गांवों में नलजल योजना पहुंची ही नहीं है, या अभी अधूरी पड़ी है। कई जगह नलजल योजना मंजूर होने के बाद पीएचई विभाग द्वारा हैंडपंप नहीं सुधारे गए हैं। ऐसी स्थिति में यदि बारिश कम हुई तो हैंडपंप भी रिचार्ज नहीं होंगे और क्षेत्र में गंभीर जलसंकट के हालात पैदा हो जाएंगे।

मोहनपुरा डेम के गेट पिछले साल बारिश के दौरान आठ बार खोले गए थे। दो बार तो 5 से 7 दिन तक लगातार इन्हें खोल रखा गया था लेकिन इस बार सीजन में सिर्फ एक बार एक गेट खोला गया है। वह भी मानसून की शुरुआत में। उसके बाद यहां गेट नहीं खोला गया। करनवास में रेलवे पुल बनने के बाद इस बार मोहनपुरा डेम को पहली बार पूरा भरा जाना था।

राजगढ़ के कृषि उपसंचालक हरीश मालवीय के मुताबिक सोयाबीन में फलियां बनने लगी है। अभी जो बारिश हुई उससे काली मिट्टी में नमी रहेगी। लेकिन बाद में बारिश 10 सितंबर तक मानसून सीजन होता है, 18 दिन है। संभवत: बारिश होगी। यदि बारिश कम होती तो अब गेहूूं की जगह मसूर, सरसो और चना पर ध्यान बढ़ाना होगा। लेकिन स्थिति 10 सितंबर के बाद ही स्पष्ट हो सकेगी।

किस डेम में कितना पानी
मोहनपुरा 62.11%
कुंडालिया 51.24%
कु. चेनसिंह 30.00%
छापी 55.00%
कुशलपरा 23.00%
बांक पुरा 05.00%
मुडला 67.00%
शमशेर पुरा 00.00%
बड़दला 40.00%
पिपल्याकला 11.00%

किस ब्लॉक में अब तक कितनी बारिश
ब्लॉक 2023 2022
जीरापुर 665 1147
खिलचीपुर 501 1205
राजगढ़ 493 1175
ब्यावरा 608 1516
नरसिंहगढ़ 554 1511
सारंगपुर 482 975
पचोर 633 1208
कुल 560 1246
(बारिश मिलीमीटर में)

जिले में अब तक सिर्फ 560 मिमी बारिश
जिले में कुल औसत बारिश 1107 मिमी