
बीजासन धाम की पाठशाला में सभी धर्म के बच्चे ले सकेंगे वेदों की शिक्षा
सारंगपुर/भैंसवा माता .वसंत पंचमी पर गुरुवार को बीजासन धाम पर शासकीय संस्कृत वैदिक पाठशाला का शुभारंभ किया गया, जिसमें प्रदेश उच्च शिक्षा मंत्री और जिला प्रभारी मोहन यादव ने शुरुआत की। इस दौरान बताया कि बिजासन धाम पर अब सभी धर्म के बच्चे संस्कृत भाषा के साथ ही अन्य भाषाओं में वेदों की शिक्षा प्राप्त कर सकेंगे। मंत्री ने कहा कि संस्कृत सबसे प्रामाणिक और सरल भाषा है। अगर आपको संस्कृत का ज्ञान है तो दक्षिण भारत की कन्नड़, तेलुगू सहित अन्य भाषाएं सहज रूप से समझ और बोल सकते हैं। इस दौरान मंत्री ने माता बीजासन धाम को महाकाल लोक जैसा विकसित कर सुंदर बनाने की बात कही। कार्यक्रम में शिशु मंदिर भैंसवा माताजी की बहनों ने सरस्वती वंदना और शासकीय हायर सैकेंडरी स्कूल की छात्राओं ने स्वागत नृत्य प्रस्तुत किया।
इस मौके पर कलेक्टर हर्ष दीक्षित, पुलिस अधीक्षक अवधेश कुमार गोस्वामी, जिला शिक्षा अधिकारी बी. एस. बिसोरिया, एसडीएम राकेश मोहन त्रिपाठी सहित अन्य अधिकारी-कर्मचारी, पुजारी परिवार, ट्रस्ट समिति, यज्ञ समिति सहित प्रचार्य गोकुल नागर के साथ ही बड़ी संख्या में नगरवासी मौजूद रहे। विशिष्ट अतिथि महर्षि पतंजलि संस्कृत संस्थान के चेयरमैन भरतदास बैरागी ने कहा कि संस्कृत हमारी वैदिक भाषा है। संस्कृत से ही हम वैदिक शिक्षा प्राप्त कर सकेंगे। बैरागी ने पाठशाला में अध्ययन 8वीं से बढ़ाकर कक्षा 1 से 12 वी तक करने की घोषणा की। कहा कि पाठशाला में छात्र कक्षा १२वीं तक वैदिक शिक्षा के साथ विज्ञान और चिकित्सा का ज्ञान ले सकेंगे।
महाकाल लोक की तर्ज पर विकसित करेंगे
कार्यक्रम अध्यक्ष सांसद रोडमल नागर ने कहा कि हम सबने बिजासन धाम को अलौकिक बनाने का बीड़ा उठाया है, जिसके तहत वैदिक पाठशाला के साथ जल्द ही योग केंद्र की स्थापना की जाएगी। साथ ही संस्कृति से जोडऩे के लिए प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र, ग्रामीण पर्यटन केंद्र बनाया जा रहा है। बीजासन धाम को पर्यटन के क्षेत्र में विकसित करने के लिए हम सब मिलकर प्रयास करेंगे। महाकाल लोक की तर्ज पर विकसित करेंगे।
वसंत पंचमी पर यज्ञ पूजन और पट्टी पूजन कराया
बोड़ा. सरस्वती शिशु विद्या मंदिर में वसंतपंचमी के अवसर नगर के बच्चों से यज्ञ पूजन के साथ विद्यारंभ संस्कार और पट्टी पूजन कराया गया। साथ ही गणतंत्र दिवस पर विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम कराए गए, जिसमें बच्चों के विभिन्न सांस्कृतिक रंगमंचीय प्रस्तुतियां दी। समिति कोषाध्यक्ष संजय राठौर ने बताया की भारतीय संस्कृति में मनुष्य के जीवस में 16 संस्कार होते हैं। इसमें नौवां विद्यारंभ संस्कार होता है, जिसके तहत बालक-बालिका का अध्ययन से पूर्व अक्षर पूजन कराया जाता है। कार्यक्रम में गोवा से आए मुख्य अतिथि घनश्याम ने बालकों के सर्वांगीण विकास, शिशु संकल्पना और संस्कार आदि के लिए सरस्वती शिशु मंदिर की सराहना की।
Published on:
28 Jan 2023 04:57 pm
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