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कहीं दाने-दाने को मोहताज, कहीं बारिश में खराब हो रहा लाखों कुंतल अनाज

कहीं अनाज सड़ रहा तो कहीं इंसान भूखे सो रहा!खरीदी कर अनाज खुले में पड़ा है, भीगने के बाद नुकसान का सर्वे करने में जुटे  

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कहीं दाने-दाने को मोहताल, कहीं बारिश में खराब हो रहा लाखों कुंतल अनाज

कहीं दाने-दाने को मोहताल, कहीं बारिश में खराब हो रहा लाखों कुंतल अनाज

राजगढ़। लाॅकडाउन में देश के विभिन्न कोनों में हजारों लोग दाने-दाने को मोहताज हैं लेकिन सरकारी बाबूओं की अदूरदर्शिता का कमाल है कि लाखों कुंतल गेंहू, चना बारिश में भीगकर खराब हो रहा है। सैकड़ों केंद्रों पर लाखों कुंतल अनाज खरीद कर खुले में पड़े लेकिन उनके रखरखाव का कोई पुरसाहाल नहीं है।

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दरअसल, इस बार उपज तौल केंद्रों पर किसानों से खूब खरीदारी हुई है। विद्रुप यह कि इन खरीदे गए अनाज के रखने का कोई उचित प्रबंधन नहीं है। खुले में लाखों कुंतल अनाज पड़े हैं।
उधर, केरल में एक जून को मानसून की आमद और इसके बाद अरब सागर से उठे निसर्ग तूफान को लेकर प्रशासन ने करीब एक हफ्ते पूर्व ही राजगढ़ सहित पूरे पश्चिमी मध्यप्रदेश में भारी बारिश की आशंका जता दी थी।
हालांकि, इस अलर्ट के बाद भी साहबानों पर जुंबिश तक नहीं हुई। आलम यह कि केन्द्रो पर रखे गेहूं का समय से परिवहन कर हटाना तो दूर उन्हें बारिश से बचाने से बचाने के लिए खुले में रखने की बजाय ढंककर रखने की व्यवस्था तक किसी ने करने की जहमत नहीं उठाई।

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गुरुवार की बारिश ने अनाज को भीगा दिया, अब सड़ने का डर

निसर्ग तूफान (Nisarga Cyclone) के प्रभाव की वजह से गुरुवार को खूब बारिश हुई। इसका नतीजा यह कि राजगढ़ जिले के अधिकतर केंद्रों पर खरीदी किए गए अनाज भीग गए। जिले के राजगढ़, नरसिंहगढ़, सारंगपुर, कुरावर, बोड़ा, तलेन, पटाडिया धाकड़, बखेड़, क्षेत्र अधिकतर केंद्रों पर रखरखाव के अभाव में गेंहू, चना आदि भीग रहे।
हालांकि, अनाज भीगने के बाद प्रशासन जागा जरुर है और नागरिक आपूर्ति निगम ने नुकसान के आंकलन के लिए एक टीम का गठन कर दिया। देर शाम तक सर्वे का काम भी किया जा रहा था।

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