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MP News: मध्यप्रदेश के सरकारी स्कूलों में व्यवस्था सुधारने के लिए शुरु की गई ई-अटेंडेंस व्यवस्था को एक महीने पूरे होने वाले हैं। जिसे लेकर न तो विभाग गंभीर है न शिक्षक गंभीर है। स्थिति यह कि 75 प्रतिशत का पंजीयन एजुकेशन पोर्टल पर नहीं है। जिन 25 प्रतिशत स्कूल का पंजीयन है। उनकी 50 फीसदी से अधिक ई-अटेंडेंस नहीं है।
विभाग का दावा है कि हम व्यवस्था सुधारेंगे, नहीं लगाने वालों का वेतन काटेंगे लेकिन अभी तक कोई सुधार उपस्थिति को लेकर नहीं आ रहा है। दरअसल, जिले में करीब आठ हजार सरकारी शिक्षक विभिन्न स्कूलों में पढ़ाने जाते हैं लेकिन वर्तमान में महज 2442 शिक्षकों ने ही हमारे शिक्षक पोर्टल पर ई-अटेंडेंस के लिए पंजीयन किया है। इन पंजीयकृत शिक्षकों में से भी महज 1011 ई-अटेंडेंस का उपयोग कर रहे हैं, 1419 कोई उपयोग नहीं कर रहे हैं। प्रथम 20 दिन की रिपोर्ट के अनुसार यह डेटा सामने आया है। इसमें खास बात यह है कि 8000 में से महज 2442 का ही पंजीयन हो पाया है। यानी बाकी स्कूलों ने अभी एजुकेशन पोर्टल पर पंजीयन ही नहीं किया है। माना जा रहा है कि कुछ शिक्षक जानबूझकर इसमें पंजीयन ही नहीं करवा रहे ताकि इन्हें ई-अटेंडेंस लगाना ही न पड़े। इधर, शिक्षकों के संगठन इस नई व्यवस्था का विरोध भी जता रहे हैं।
जिले के 75 फीसदी स्कूलों का रेकॉर्ड नए पोर्टल स्कूल एजुकेशन 3.0 में कोई रेकॉर्ड ही नहीं है। इसके पीछे विभाग का तर्क है कि तकनीकी दिक्कत के कारण ऐसा हुआ है। लेकिन इसकी हकीकत यह है कि कुछ स्कूल इसे जानबूझकर करवाना ही नहीं चाहते। यानी वे पंजीयन इसलिए नहीं करना चाहते, ताकि बाद में उपयोग ही नहीं करना पड़े। इसीलिए जिले में ई-अटेंडेंस को लेकर कोई काम नहीं हो रहा है। शिक्षक जानबूझकर इसे नजर अंदाज कर रहे हैं।
जिला शिक्षा अधिकारी करणसिंह भिलाला ने बताया हमें निर्देश मिले हैं कि ई-अटेंडेंस से मिलने वाली उपस्थिति ही मान्य करें। जो शिक्षक नहीं लगा रहे हैं उनका वेतन कटेगा। साथ ही जहां तकनीकी कारणों से पोर्टल पर पंजीयन नहीं हो पाया है, उसे हम जल्द करेंगे। इस संबंध में वरिष्ठ अधिकारियों को भी हमने अवगत कराया है।
Published on:
22 Jul 2025 01:37 pm
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