MP NEWS: प्रकृति जब मुस्कुराती है, तो उसका प्रतिबिंब सबसे पहले जंगलों में दिखता है। ये नजारा है मध्यप्रदेश के नेसर्गिक स्वर्ग मालवा के कश्मीर नरसिंहगढ़ चिड़िखो अभ्यारण्य का। धरती पर बूंदें गिरती हैं, तो सिर्फ़ मौसम नहीं, संवेदनाएं भी बदलती हैं। चिड़िखो अभ्यारण्य में यह बदलाव आंखों से महसूस किया जा सकता है।
चिड़िया के आकार में बनी झील और आसपास अभ्यारण्य में चारों और हरियाली छाने से मानों ऐसा लग रहा हो जैसे हरियाली की गोद में पंख फैलाकर कोई चिड़िया लौट रही हो। चारों तरफ मानसून ने जीवन की लय जगा दी है। बारिश की फुहारों में चिड़ियों की चहचहाहट से जंगल फिर से जीवंत हो उठा है। अभयारण्य में इन दिनों प्रकृति अपने सबसे सुंदर रूप में दिखाई दे रही है। प्रकृति की हरितिमा और आसमान में मंडराते बादल मानसून के स्वागत का दृश्य बना रहे हैं। यह नज़ारा देखने रोजाना बड़ी संख्या में पर्यटक भी पहुंच रहे है।
नरसिंहगढ़ चिड़िखो कई प्रकार से खास है। यहां मध्यप्रदेश का राजकीय पक्षी दुधराज और राजस्थान का राजकीय पक्षी गोडावण को भी देखने का लुत्फ ले सकते है। साथ ही तेंदुआ, मगरमच्छ, हिरण, नीलगाय और कई प्रकार के रंगबिरंगे पक्षियों को यहा देख सकते है। नरसिंहगढ़ की झीलें बारिश में अपने यौवन पर होती है, जो देखते ही बनती है। इसके अलावा प्राचीन विरासत में किला, कोटरा के शैलचित्र, जल मंदिर, शाखा श्याम मंदिर अब पर्यटकों को खूब लुभा रहा है।
Published on:
04 Jul 2025 10:20 pm