Read this also: भाजपा सांसद ने अपनी सरकार के अधिकारियों के खिलाफ खोला मोर्चा, निर्दाेष आदिवासियों को प्रताड़ित करने का आरोप राजगढ़ जिला चिकित्सालय में पिछले तीन दिनों में तीन लोगों की जान गई। ये तीनों लोग अस्पताल के आईसोलेशन वार्ड में भर्ती थे। कोरोना के संदेह में इनको आईसोलेट किया गया था और सैंपल जांच को भेजा गया था।
तीनों लोगों का राजगढ़ मुक्तिधाम पर ही अंतिम संस्कार कर दिया गया। लेकिन अंतिम संस्कार में परिजन दूरी बनाने की हर हिकमत लगाते रहे। हद तो यह कि अंतिम संस्कार के बाद मुक्तिधाम अंत्येष्टिस्थल से कोई अस्थियां चुनने तक नहीं पहुंचा। मान्यता है कि अंतिम संस्कार के बाद अस्थियों को किसी पवित्र नदी में प्रवाहित किया जाता है ताकि पंचतत्व से बना शरीर पुनः पंचतत्व में विलीन हो जाए और आत्मा को मुक्ति मिल सके। लेकिन अपनों की यह दूरी रिश्तों और खुदगर्जी की अलग दास्तां बयां कर रही।
तीनों लोगों का राजगढ़ मुक्तिधाम पर ही अंतिम संस्कार कर दिया गया। लेकिन अंतिम संस्कार में परिजन दूरी बनाने की हर हिकमत लगाते रहे। हद तो यह कि अंतिम संस्कार के बाद मुक्तिधाम अंत्येष्टिस्थल से कोई अस्थियां चुनने तक नहीं पहुंचा। मान्यता है कि अंतिम संस्कार के बाद अस्थियों को किसी पवित्र नदी में प्रवाहित किया जाता है ताकि पंचतत्व से बना शरीर पुनः पंचतत्व में विलीन हो जाए और आत्मा को मुक्ति मिल सके। लेकिन अपनों की यह दूरी रिश्तों और खुदगर्जी की अलग दास्तां बयां कर रही।
सामान्य लोग मुक्तिधाम पर आने से कर रहे परहेज सामान्य मौतें हो जाने पर शहर के लोग अंतिम संस्कार करने मुक्तिधाम पहुंचने से परहेज कर रहे हैं। इनकी कोशिश है कि मुक्तिधाम के आसपास ही सब संपन्न करा दें लेकिन मुक्तिधाम न जाना पड़े। लोगों में डर है कि कोरोना संदिग्धों का अंतिम संस्कार किए जाने के बाद वहां संक्रमण होने का खतरा अधिक है।
Read this also: आम आदमी बाहर से आए तो क्वारंटीन में, नेताजी घूमकर आए तो वीवीआईपी छूट!
मुक्तिधाम पर पीपीई किट फैले रहने से खौफ को मिल रहा बल मुक्तिधाम पर कोरोना संदिग्धों का अंतिम संस्कार करने आ रहे लोगों में मेडिकल टीम भी शामिल रह रही। वे लोग अपने पीपीई किट भी वहीं छोड़ दे रहे हैं। पीपीई किट आम लोगों में दहशत को और बढ़ा रहा है। हालांकि, जानकार बताते हैं कि अंतिम संस्कार के बाद अस्थियों को ले जाने में किसी प्रकार का संक्रमण का खतरा नहीं है लेकिन लोग इस पर विश्वास करने पर हिचकिचा रहे।
शव निष्पादन नोडल अधिकारी आरके कटारिया का कहना है कि शरीर के अंतिम संस्कार के बाद संक्रमण का कोई प्रभाव नहीं रहता। परिजन चाहे तो अस्थियां चुन सकते हैं। जहां तक साफ-सफाई की बात है तो वह व्यवस्था नगर पालिका की जिम्मेदारी है। पालिका के जिम्मेदारों के हम लोग संपर्क में हैं।
मुक्तिधाम पर पीपीई किट फैले रहने से खौफ को मिल रहा बल मुक्तिधाम पर कोरोना संदिग्धों का अंतिम संस्कार करने आ रहे लोगों में मेडिकल टीम भी शामिल रह रही। वे लोग अपने पीपीई किट भी वहीं छोड़ दे रहे हैं। पीपीई किट आम लोगों में दहशत को और बढ़ा रहा है। हालांकि, जानकार बताते हैं कि अंतिम संस्कार के बाद अस्थियों को ले जाने में किसी प्रकार का संक्रमण का खतरा नहीं है लेकिन लोग इस पर विश्वास करने पर हिचकिचा रहे।
शव निष्पादन नोडल अधिकारी आरके कटारिया का कहना है कि शरीर के अंतिम संस्कार के बाद संक्रमण का कोई प्रभाव नहीं रहता। परिजन चाहे तो अस्थियां चुन सकते हैं। जहां तक साफ-सफाई की बात है तो वह व्यवस्था नगर पालिका की जिम्मेदारी है। पालिका के जिम्मेदारों के हम लोग संपर्क में हैं।
Read this also: भाजपा शासन में कांग्रेस की बड़ी जीत, एफआईआर-जेल के बाद अब मंडी सचिव का तबादला!
By: Bhanu Thakur
By: Bhanu Thakur