
बंजर जमीन पर हरे-भरे पेड़ पौधे दे रहे जुनून की गवाही, पानी खरीदकर भी पौधों को सींचने से नहीं संकोच
राजगढ़। प्र्रकृति की जिस गोद में हम पलते-बढ़ते हैं उसको जाने अनजाने नुकसान पहुंचाकर हम खुद का और अपनी आने वाली पीढ़ियों को संकट में डालते जा रहे हैं। लेकिन हमारे आसपास तमाम ऐसे प्रकृति प्रेमी हैं जो प्रकृति को सुंदर और हराभरा रखने में सहायक तो बन ही रहे, हमारे जीवन की भी रक्षा कर रहे। राजगढ़ के राकेश ठाकुर उन चंद पर्यावरण रक्षकों में एक हैं जो अपने जीवन का महत्वपूर्ण पल पेड़-पौधों की रक्षा व नया जीवन देने में करते हैं। इस व्यक्ति ने बीते 14 सालों में हर साल कम से कम 20 पौधा लगाने का संकल्प लिया। आज इतने बरस बीतने के बाद राकेश ठाकुर की मेहनत एक बंजर जमीन पर हरियाली बनकर दिख रही।
राकेश ठाकुर बीते 14 साल से परेड ग्राउंड की 400 मीटर बंजर जमीन पर पौधा लगा रहे। वह हर साल बीस पौधे लगाते और एक बच्चे की भांति उसकी देखभाल की जिम्मेदारी भी निभा रहे हैं। उनके जुनून से प्रेरित होकर उनके बच्चे भी अब इस काम में उनका हाथ बंटाते हैं।
राकेश ठाकुर बताते हैं कि वह हरियाली अमावस्या व पर्यावरण दिवस पर दस-दस पौधे लगाते हैं और साल भर इनकी देखभाल करते हैं। आज ढेर सारे पौधे बड़े पेड़ों में तब्दील हो चुके हैं। कभी बंजर रही यह जमीन अब पेड़-पौधों से लहलहा रही है।
परेड ग्राउंड में अब बरगद, पीपील, नीम, आंवला, कटहल, सीताफल, अनार, संतरा, जामफल आदि विभिन्न वेरायटी के फलदार वृक्ष देखे जा सकते हैं। फलदार और छायादार वृक्ष ही नहीं छोटे-छोटे आकर्षक पौधे भी इस ग्राउंड में हरियाली की गाथा सुना रहे हैं।
राकेश ठाकुर बताते हैं कि गर्मियों के दिनों में पौधों को सूखने से बचाने के लिए कई बार पानी टैंकर से मंगाना पड़ा। घर में पानी कम हो जाए कोई बात नहीं लेकिन पौधों के लिए पानी कभी कम नहीं पड़ने दिया।
पौधारोपण के प्रति लोगों को प्रेरित भी कर रहे
राकेश ठाकुर केवल परेड ग्राउंड में पौधे लगाकर उनकी संरक्षा की जिम्मेदारी ही नहीं संभाल रहे बल्कि दूसरों को ऐसा करने से प्रेरित भी कर रहे हैं। वह बताते हैं कि परेड ग्राउंड में वह पौधा तैयार कर दूसरों कोे गिफ्ट भी देते हैं। वह लोगों को अपने आसपास या लाॅन में या खाली जमीन पर पौधा लगाने व उसका संरक्षण जीवनभर करने के लिए लोगों को प्रेरित भी करते हैं।
Published on:
05 Jun 2020 02:17 pm
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