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हिन्दू राष्ट्र पर प्रदीप मिश्रा बोले, यह तो पहले से ही है, दोबारा संज्ञा देना कितना उचित

हम अपने शुद्ध भोजन को भूलकर बाहरी भोजन करने लगे जो गलत है

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कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा द्वारा राजगढ़ में पिछले पांच दिन तक शिव महारापुराण कथा का वाचन किया गया। जिसके बाद प्रदीप मिश्रा मीडिया से रूबरू हुए। इसमें पत्रिका द्वारा पूछे गए कुछ खास प्रश्नों का उन्होंने बड़ी ही बेवाकी से जवाब दिए। जाने क्या जवाब दिए पंडित मिश्रा ने।

प्रश्न-हिंदू राष्ट्र की चर्चा जोर पकड़ रही है। आप इसे कैसे देखते है।

उत्तर- हमारा सनातन धर्म और राष्ट्र यह सब पूर्व से हिंदू राष्ट्र ही था। जहां समर्पण है और त्याग, दया व सहयोग की भावना है। वह यह मानकर चले कि वह हिंदू है सनातनी है। अब हम यह कहे कि हिंदू राष्ट्र बनाना है तो पहले से ही चला आ रहा है उसे वापस हिंदू राष्ट्र की संज्ञा देना कहां तक सही है। यह जरूर ध्यान दें कि हम सनातनी हैं तो संतों के लिए दुखियारों के लिए मंदिरों के लिए क्या बेहतर कर सकते हैं। लोगों की किस तरह सेवा कर सकते है। यह सोचे। यही असली हिंदू राष्ट्र है।

प्रश्न-आप लगातार नए फैशन को लेकर कथा मंच से भी आवाज उठाते रहे और महिलाओं के पहनावे को लेकर भी सुधार की बात कर रहे हैं। ऐसा क्यों।

उत्तर-बिल्कुल सही है। यह अधर्मी लोग देश में अलग तरह से प्रहार कर रहे है। हम अपने शुद्ध भोजन को भूलकर बाहरी भोजन करने लगे और चायनीज, जापानी सामग्री का उपयोग करने लगे हैं, जो गलत है। इससे कई तरह की बीमारियां और स्वास्थ्य पर भी विपरीत असर पड़ रहा है। रही बात पहनावे की तो हमारी जो संस्कृति है सभ्यता है उसके अनुसार ही पहनावा होना चाहिए। तभी यह पाश्चात्य सभ्यता छूटेगी।

प्रश्न-पहनावे को लेकर मंदिरों पर भी आने जाने पर रोक लगाई गई है।

उत्तर-मंदिर में जो कम मात्रा के कपड़े है या बेकार है। उनको पहनने से रोका गया। छोटे वस्त्र है उनको पहनकर मंदिर में नहीं आना चाहिए।

प्रश्न-आपकी कथा वहीं लोग करा रहे है जो कहीं न कहीं राजनीति से जुड़े है या चुनाव में भाग्य आजमाना चाहते है।

उत्तर- कथा और राजनीति का कोई मेल नहीं है। हम किसी भी पार्टी से नहीं जुड़े है। हमारे पास जो भी कथा लेने आता है। वह कौन है। हम नहीं जानते। लेकिन वह यही कहता है कि फला जगह के भक्त और भोले के श्रद्धालु आपको बुला रहे हैं। कोई कथा लेने से पहले यह बताता भी नहीं है कि उसे चुनाव लड़ना है।

प्रश्न-यदि आपको कोई पार्टी टिकट देती है तो चुनाव लड़ेंगे।

उत्तर-नहीं न ही किसी पार्टी से हमें मतलब है और न ही राजनीति से। हम तो भगवान भोले के भजन और उनकी कथा में ही मगन है और लोगों में भी यही भावना जाग्रत करने का प्रयास 24 घंटे करते हैं।