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घूंघट वाले गांव में जब घोड़ी पर बैठकर निकली दुल्हन, तो दंग रह गए गांव के लोग

रसूलपुरा में परिजनों ने दुल्हन का घोड़ी पर बैठकर निकाला जुलूस ..जीरापुर से एक दूल्हे को डर है कि जुलूस निकालेगे तो होगी मारपीट

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रसूलपुरा में परिजनों ने दुल्हन का घोड़ी पर बैठकर निकाला जुलूस

घूंघट वाले गांव में जब घोड़ी पर बैठकर निकली दुल्हन, तो दंग रह गए गांव के लोग



राजगढ़।/बखेड़। अभी तक आपने किसी दुल्हन को डोली में या फि र सजी-धजी कार के साथ ही कुछ जगह बग्गी पर बैठे हुए देखाहोगा। लेकिन बखेड़ के पास स्थित रसूलपुरा गांव में हुई हो रही एक शादी के दौरान परिजनों ने अपनी बेटी को जिन खुशियों के साथ वाला कुछ उसी तरह से उसकी शादी में भी हर खुशी को ध्यान में रखा गया। यहां दुल्हन को परिजनों ने घोड़ी पर बैठाया। जिसे देखकर हर कोई दंग रह गया और हो भी क्यों न क्योंकि जिस गांव में महिलाए घूंघट नही हटाती वहां दुल्हन का इस तरह घोड़ी पर निकलना एक नया नजारा ही था। वहीं जीरापुर में एक दूल्हे ने ग्रामीणों के डर से शादी से दो दिनद पीले कलेक्ट्रेट आकर जुलूस निकालने को लेकर सुरक्षा की मांग की है।
जानकारी के अनुसार बजट के पास स्थित रसूलपुरा गांव में रहने वाली रश्मि नागर की बारात आने से पूर्व गांव में शादी का जुलूस निकाला गया। अक्सर ऐसा होता है कि यह जुलूस दूल्हे का निकलता है, लेकिन रसूलपुरा गांव में गांव के पटेल राम सिंह नागर ने अपनी पोती को घोड़ी पर बैठाला और मां ने उसकी आरती की इसके बाद आतिशबाजी के साथ यह जुलूस गांव में निकाला गया। जिसमें परिवार के साथ ही गांव के अन्य लोग नाचते गाते हुए आगे चल रहे थे। मां ने बताया कि अब बेटियां बेटों से कम नहीं और हर बात में कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हैं। ऐसे में जिस तरह बेटे का जुलूस निकलना चाहिए उसी तरह बेटियों को भी आगे लाना चाहिए। यही कारण है कि उन्होंने घोड़ी पर बैठा कर अपनी बेटी का जुलूस पूरे परिवार के लोगों के साथ निकाला।

यहां दूल्हा पहुंचा की गांव में नहीं निकालने देते शादी पर जुलूस-
राजगढ़। जीरापुर ब्लाक के अंतर्गत आने वाले गोवर्धनपुरा पंचायत तमोलिया गांव में रहने वाले अमृत लाल मेघवाल की 9 फरवरी को शादी है इससे पहले गांव में परिवार के लोग मिलकर लडक़े का जुलूस निकालते हैं। जिसमें नाच गाने के साथ ही आतिशबाजी आधी होती है और यहां दूल्हा घोड़ी पर बैठकर निकलता है। लेकिन 23 जनवरी को इसी गांव में अनुसूचित जाति के परिवार में एक विवाह समारोह के दौरान जब जुलूस निकाला जा रहा था, तो गांव के ही कुछ असामाजिक तत्वों ने जुलूस को रोक दिया था और विवाद की स्थिति उत्पन्न हो रही थी। ऐसे में परिजनों ने जुलूस नहीं निकाला लेकिन एक बार फि र इसी गांव में मेघवाल समाज की अमृत लाल का विवाह होना है। ऐसे में शादी से पहले दूल्हा खुद कलेक्ट्रेट पहुंचे और उसने कलेक्टर को एक आवेदन दिया है। जिसमें उसने विवाह समारोह के दौरान गांव में सुरक्षा की मांग की है, अमृत का कहना है कि आसामाजिक तत्व यहां उनकी जांच से जुड़े हुए लोगों का जुलूस नहीं निकलने देते इसलिए पुलिस की व्यवस्था की जाए ताकि खुशियों आयोजन खुशी खुशी पूरा हो सके।