
एक बार सरपंच बनवा दो :- फिर पीएम आवास भी दिलवाएंगे और राशन कार्ड भी बनेगा
ब्यावरा. जैसे ही चुनवी सरगर्मी शुरू हुई गांव-गांव नेता प्रकट हो गए हैं। विधानसभा, लोकसभा और निकाय चुनावों से ज्यादा खींचतान इन छोटे चुनाव में होती है। हर स्तर पर इसमें तैयारी की जाती है। हैरानी की बात तो यह है कि कुछ नेता तो खुले आम ये भी बोल रहे हैं कि एक बार सरपंच बनवा दो, फिर पीएम आवास भी दिलवाएंगे और राशन कार्ड भी बनवा देंगे, सब काम हो जाएंगे।
आम तौर पर इन चुनावों में सरपंच बनने के लिए तरह-तरह की दलीलें प्रत्याशियों द्वारा दी जाती है। पांच साल के कार्यकाल का आधा समय बीतने के बाद से ही दावेदार लोगों को प्रलोभन देने लगते हैं। कोई कहता है इस बार जीताओ हमें आवास तुम्हारा पक्का, राशन कार्ड भी बनाएंगे और हां, मजदूर डायरी बनाकर मनरेगा में काम दिखाकर रुपए भी निकला देंगे। ऐसी कई दलीलें जनता के समक्ष पेश की जाती हैं और चुनाव में इन्हें ही हथियार बनाया जाता है।
आरोप-प्रत्यारोप के साथ शिकायतों का दौर भी!
पांच साल में क्या हुआ, क्या नहीं हुआ, उनकी आरटीआइ और तमाम प्रकार की शिकायतों का दौर भी इन चुनाव के दौरान सामने आ जाता है। इसमें कोई पूर्ववत सरपंचों की शिकायत करता है तो कोई जानकारी निकालने में जुट जाता है। कुल मिलाकर गांवों में ऐसा माहौल तैयार किया जाता है जिससे उनका ध्यान भटक जाए। गली, मोहल्लों, चौराहों पर देर रात तक चुनावी चर्चाएं होती हैं, जिन पर तरह-तरह की बातें की जाती हैं।
आज से नामांकन का दौर, 6 जून तक कर सकेंगे जमा
राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा पंचायतों के आम निर्वाचन 2022 जारी कार्यक्रमानुसार राजगढ़ जिले की छह जनपद पंचायतों में तीन चरणों में आम निर्वाचन कराए जाएंगे। प्रथम चरण में राजगढ़ एवं ब्यावरा, द्वितीय चरण में जीरापुर एवं खिलचीपुर, तृतीय चरण में नरसिंहगढ़ एवं सारंगपुर में क्रमश 25 जून प्रथम चरण, 1 जुलाई द्वितीय चरण तथा 8 जुलाई 2022 तृतीय चरण का मतदान होगा।
गांवों में सफाई शून्य, शौचालय अधूरे
जिलेभर में पत्रिका के रेंडम सर्वे में सामने आया है कि लगभग सभी पंचायतों की स्थिति दयनीय है। कहने को साढ़े सात साल की सरपंची मौजूदा सरपंचों ने की है, लेकिन हकीकत में संबंधित गांवों में 15 वें वित्त आयोग के तहत 30 प्रतिशत राशि सिर्फ सफाई पर खर्च की जाती है, लेकिन गांवों में नालियां तक नहीं बनीं हैं, न ही समय पर सफाई की गई। इलके अलावा 30 प्रतिशत फंड ही पानी के लिए आता है, लेकिन किसी पंचायत में यह काम नहीं होता।
काम करने वाले को प्राथमिकता
हर बार वोट देने के बाद सब भूल जाते हैं, लेकिन हमारी प्राथमिकता इस बार वही रहेगी, जिसमें काम को प्राथमिकता हो। यानी काम करने वाला ही हमारा सरपंच होगा।
-गोकुल यादव, ग्रामीण
बातों में नहीं आएंगे
इस बार के चुनावों में हम बातों में नहीं आएंगे, वास्तविक हकदार को ही हमारा अमूल्य वोट जाएगा। इसके लिए हम खुद भी जागरूक होंगे, दूसरों को भी करेंगे।
-इंदर सिंह सौंधिया, ग्रामीण
Updated on:
03 Jun 2022 12:57 pm
Published on:
30 May 2022 04:55 pm
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