
Navratri 2025: शहर की धार्मिक पहचान बन चुका मां पाताल भैरवी मंदिर नवरात्र प्रारंभ होते ही आस्था का प्रमुख केंद्र बन जाता है। वर्ष 199६ में बाबा बर्फानी दादा द्वारा स्थापित यह अनूंठा मंदिर अपनी स्थापत्य संरचना और धार्मिक महत्व के कारण भक्तों को आकर्षित करता है। यहां दोनों ही नवरात्र में मनोकामना ज्योति कलश की स्थापना होती है और लाखों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं।
नागपुर रोड में हाइवे किनारे स्थित इस मंदिर में नवरात्र के समय स्थानीय श्रद्धालुओं के अलावा विदेश में रहने वाले अप्रवासीय भारतीय भी मनोकामना ज्योति कलश स्थापित करते हैं। सोमवार को शुभ मुहुर्त में यहां 2200 मनोकामना ज्योति कलशों की स्थापना हुई है। राजनांदगांव को श्रद्धा और भक्ति का केंद्र के रूप में पहचान दिलाने के उद्देश्य से 1996 में सिद्धपीठ निर्माण की स्थापना की गई, जो 1998 में बनकर तैयार हुई।
बर्फानी सेवा श्रम समिति के सचिव गणेश प्रसाद शर्मा ‘गन्नू’ ने बताया कि अंदर मंदिर की संरचना तीन स्तरों में है। सबसे निचले स्तर पर, लगभग 15-16 फीट जमीन के नीचे मां पाताल भैरवी की 1२ फीट ऊंची और 11 टन वजनी भव्य प्रतिमा स्थापित है। मान्यता है कि देवी काली का रौद्र रूप ही पाताल भैरवी कहलाता है, और उनके निवास के लिए पाताल क्षेत्र चुना गया। प्रथम तल पर राज राजेश्वरी त्रिपुर सुंदरी मां दुर्गा नौ रूपों में विराजित हैं, तो वहीं तीसरे स्तर में भगवान शिव की विशाल प्रतिमा तथा बारह ज्योतिर्लिंगों के प्रतिरूप स्थापित हैं।
Updated on:
23 Sept 2025 05:25 pm
Published on:
23 Sept 2025 05:24 pm
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