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पुलिस कांस्टेबल ने पकड़ा अवैध शराब तो भड़क गए थानेदार और SDOP, डायल 112 के चालक को नौकरी से निकाला, आरक्षक को भेजा जंगल

पुलिस के अधिकारियों ने न सिर्फ आरक्षक को खरी खोटी सुनाई बल्कि उसे मूल ड्यूटी में वापस भेज दिया। वहीं कार्रवाई करने पहुंचे डॉयल 112 के चालक को भी पुलिस अधिकारियों ने नौकरी से हटा दिया।

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पुलिस कांस्टेबल ने पकड़ा अवैध शराब तो भड़क गए थानेदार और SDOP, डायल 112 के चालक को नौकरी से निकाला, आरक्षक को भेजा जंगल

पुलिस कांस्टेबल ने पकड़ा अवैध शराब तो भड़क गए थानेदार और SDOP, डायल 112 के चालक को नौकरी से निकाला, आरक्षक को भेजा जंगल

राजनांदगांव/खैरागढ़. जन्माष्टमी पर्व के दौरान राज्य सरकार ने शुष्क दिवस घोषित किया था। इसी बीच कोचियों के अवैध शराब की बड़ी खेप को पकडऩा एक पुलिस आरक्षक को महंगा पड़ गया। पुलिस के अधिकारियों ने न सिर्फ आरक्षक को खरी खोटी सुनाई बल्कि उसे मूल ड्यूटी में वापस भेज दिया। वहीं कार्रवाई करने पहुंचे डॉयल 112 के चालक को भी पुलिस अधिकारियों ने नौकरी से हटा दिया। घटना खैरागढ़ शहर के धरमपुरा स्थित शासकीय शराब दुकान से बाजार अतरिया इलाके की है। बड़े कोचिए शुष्क दिवस के एक दिन पहले अवैध शराब की बिक्री करने बड़ी खेप निकाल रहे थे। तभी आरक्षक वहां पहुंच गया और उसने कार्रवाई करते हुए अवैध शराब जब्त किया लेकिन आरक्षक की इस कार्रवाई से थानेदार और एसडीओपी नाराज हो गए। उन्होंने डायल 112 के चालक और आरक्षक पर जमकर भड़ास निकाल दी।

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कोचियों के खिलाफ अधिकारियों ने नहीं की कोई कार्रवाई
शराब दुकान पहुंचा आरक्षक जब अवैध शराब जब्त कर रहा था उस दौरान कोचिए उक्त आरक्षक के साथ लड़ाई झगड़े पर उतारू हो गए। आरक्षक ने आनन-फानन में 112 को कॉल कर मौके पर बुलवाया। आरक्षक द्वारा पकड़ी गई लगभग 11 पेटी शराब को डायल 112 की गाड़ी में भरकर थाने लाया गया। सरंक्षण में बिक रही रही शराब को देख अधिकारियों ने कार्रवाई की बजाय आरक्षक को ही खरीखोटी सुना दी। स्थानीय ड्यूटी कर रहे आरक्षक को आनन-फानन में वापस साल्हेवारा भेज दिया गया।

112 के चालक को नौकरी से निकाला
त्वरित कार्रवाई करने मौके पर पहुंचे डायल 112 के चालक की भी कार्रवाई से गुस्साए अधिकारी ने नौकरी से ही छुट्टी कर दी। मामला पूरी तरह रफा दफा कर दिया गया। थाने में पहुंची जब्त शराब को भी कोचियों को वापस किए जाने की जानकारी मिली है। बताया गया कि मामला पूरी तरह सरंक्षण में चल रही अवैध शराब बिक्री को लेकर है। कोचिए को संरक्षण के चलते पूरे मामले में बिना कार्रवाई के ही मामला रफा दफा कर दिया गया है। साल्हेवारा थाने में पदस्थ आरक्षक को उसकी ड्यूटी खत्म करवाकर वापस भेजा गया है जबकि 112 के संविदा चालक को भी नौकरी से हटा दिया गया।

अनुचित तरीके से शराब दुकान पहुंचा था आरक्षक
थाना प्रभारी खैरागढ़ राजेश साहू ने बताया कि संबंधित आरक्षक को अन्य जगह तैनात किया गया था लेकिन वह शराब दुकान पर अनुचित तरीके से पहुंच गया। मामले की जानकारी भी उसने अधिकारियों को नहीं दी। अनुशासनहीनता के चलते उसे वापस साल्हेवारा भेजा गया है। मामले में जांच कर रहे हैं। एसडीओपी खैरागढ़ जीसी पति ने कहा कि ऐसा कोई मामला नहीं है। ऐसा कुछ नहीं हुआ है।

अवैध शराब बिक्री को दे रहे संरक्षण
रविवार को अवैध शराब पकडऩे वाले आरक्षक के साथ भी बदसलुकी और मारपीट की गई लेकिन आला अधिकारियों ने कोचियों को छूट देकर आरक्षक को ही डरा धमका कर कार्रवाई का हवाला देकर चुप करा दिया। मामले में संबंधित आरक्षक से बातचीत का प्रयास किया गया लेकिन अधिकारियों के दबाव के चलते आरक्षक ने मामले में कोई जानकारी नहीं दी। दोबारा गलती नहीं करने की समझाइश के बाद भी नौकरी से हटाए गए 112 वाहन चालक को एसडीओपी ने समझाइश देने कार्यालय बुलाया था। वाहन चालक ने बताया कि उसे बिना गलती के नौकरी से हटाया गया है। जबकि अवैध शराब बिक्री को सरंक्षण देने यहां लंबी रकम वसूल रहे हैं।