
राजनांदगांव. देश की सबसे बड़ी और सरकारी टेलीकॉम कंपनी भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) का सूत्र वाक्य है,'कनेक्टिंग इंडियाÓ लेकिन सूचना क्रांति के इस दौर में बीएसएनएल जिला मुख्यालय में ही अपनी सेवाएं सही तरीके से नहीं दे पा रही है। हालत यह है कि शहर के कई इलाकों में इस कंपनी की पहुंच ही नहीं है।
सूचना क्रांति को लेकर इस समय देशभर में सरकार अभियान चला रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस विषय पर गंभीरता से काम करने की बात कह रहे हैं लेकिन छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के अपने विधानसभा क्षेत्र में सरकारी विभाग को इस अभियान से कोई मतलब नहीं है।
सबसे पुरानी कंपनी होने के बाद भी बीएसएनएल ने अपनी सेवाओं के विस्तार की दिशा में कभी काम नहीं किया और अब हालत यह है कि कई क्षेत्रों में इसकी सेवाएं उपलब्ध ही नहीं हैं।
आबादी बढऩे के साथ शहर का विस्तार कई इलाकों में हो गया है लेकिन बीएसएनएल ने खुद को समय के साथ ढालने का काम ही नहीं किया है। एक दिशा में तुलसीपुर के बाद ममतानगर और फिर ममतानगर के भीतर भी कई गलियों में कॉलोनियां बस गई हैं।
दूसरी ओर दिग्विजय स्टेडियम मार्ग में अनुपम नगर, महेशनगर के भीतरी हिस्सों में नई कॉलोनियां डोंगरगांव रोड तक बनी हैं। ऐसे कई जगहों में बीएसएनएल का कनेक्शन लेने वालों को एक ही रटा-रटाया जवाब मिलता है कि वहां तक उनकी लाइनें नहीं गई हैं। पाइंट नहीं हैं, ऐसे में नया कनेक्शन नहीं दिया जा सकता।
लाइन नहीं बढ़ाया जा रहा
राजनांदगांव शहर के कई भीतरी हिस्सों में बीएसएनएल की लाइनें उपलब्ध ही नहीं हैं। पर्याप्त कनेक्शन हो जाने के बाद लाइन बढ़ाने का काम नहीं किया जा रहा है। इस वजह से नया कनेक्शन चाहने वालों की मांग की पूर्ति नहीं की जा सक रही है। बीएसएनएल के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार गोलबाजार, जूनीहटरी और आसपास के इलाकों में यही स्थिति है।
Published on:
09 Dec 2017 01:45 pm
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