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CG fraud Case: एटीएम में फेवी क्विक लगा, गुप्त नंबर देखकर की ठगी

CG fraud Case: टीएम कार्ड मशीन में डाला तो उसका कार्ड मशीन में फंस गया। इस बीच आरोपी द्वारा प्रार्थी को एटीएम मैनेजमेंट का मोबाईल नंबर दिया । प्रार्थी द्वारा दिए गए मैनेजमेंट से बात की गई।

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CG fraud Case: एटीएम में फेवी क्विक लगा, गुप्त नंबर देखकर की ठगी

CG fraud Case: शहर के महामाया चौक स्थित एक एटीएम में फेवी क्विक लगाकर कार्ड को जाम कर एक बुजुर्ग का गुप्त नंबर देखकर 49 हजार रुपए निकाल ठगी करने का मामला सामने आया था। प्रार्थी ने मामले की शिकायत बसंतपुर पुलिस से की थी। पुलिस ने ठग गिरोह के चार आरोपियों को बिलासपुर से गिरतार किया है। सभी आरोपी झारखंड के निवासी है।

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बसंतपुर टीआई एमन साहू ने बताया कि प्रार्थी शिव दयाल रंघाटी निवासी सृष्टि कालोनी राजनांदगांव ने शिकायत दर्ज कराई थी कि वह सृष्टि कॉलोनी स्थित एटीएम में पैसा निकालने के लिए गया हुुआ था और एटीएम से पैसा निकालने के लिए के दो बार प्रयास किया, लेकिन पैसा नही निकला।

पुलिस मामला दर्ज कर विवेचना में जुटी और एटीएम के आसपास लगे सीसीटीवी फुटेज को चेक करने पर प्रार्थी के आगे पीछे संदिग्ध स्थिति में चार व्यक्ति आते जाते दिखाई दिए। घटना स्थल से प्राप्त सीसीटीवी फुटेज का लगातार मिलान कर शहर में लगे कैमरो से करने पर पता चला कि आरोपियों के महाराष्ट्र नंबर की कार में दुर्ग -रायपुर की ओर जाना पता चला।

घटना के संबंध में दुर्ग रायपुर एवं बिलासपुर की पुलिस से संपर्क कर घटना से संबंधित जानकारी से अवगत करा बसंतपुर पुलिस आरोपियों का पीछा कर रही थी। पुलिस आोरपी शिव शंकर प्रसाद पिता रामू प्रसाद निवासी ग्राम झुरझुरी थाना बरकट्ठा जिला हजारीबाग (झारखण्ड), विकास कुमार पिता राजेन्द्र निवासी ग्राम झुरझुरी थाना (झारखण्ड), सचिन शर्मा पिता टूकलाल झुरझुरी और उपेन्द्र सिंह पिता रामप्रवेश सिंह निवासी ग्राम माथपार थाना सिकंदरपुर जिला बलिया (उप्र ) को गिरतार कर लिया।

मैनेजमेंट के नाम पर साथी का दिया नंबर

इस दौरान उसके पीछे एक व्यक्ति खड़ा था। जिसने एटीएम का गुप्त पिन नंबर देख लिया और उस अज्ञात व्यक्ति द्वारा प्रार्थी को सलाह दिया कि इस एटीएम में पैसा नही है आगे के एटीएम से निकल जाएगा । इस दौरान प्रार्थी महामाया चौक स्थिति एटीएम में पैसा निकलने के लिए गया । इस दौरान वह अज्ञात व्यक्ति पहले ही उस एटीएम मे पहुंच चुका था। प्रार्थी द्वारा पैसा आहरण के लिए अपना एटीएम कार्ड मशीन में डाला तो उसका कार्ड मशीन में फंस गया। इस बीच आरोपी द्वारा प्रार्थी को एटीएम मैनेजमेंट का मोबाईल नंबर दिया । प्रार्थी द्वारा दिए गए मैनेजमेंट से बात की गई।