20 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

नक्सल ड्यूटी में सागौन की तस्करी, गृह मंत्रालय ने थमाया ITBP के DIG को बर्खास्तगी नोटिस, आधी रात को जवानों को भेज दिया जंगल से लकड़ी लाने

26 दिसंबर 2020 में राजनांदगांव जिले ग्राम तोतलभर्री गांव में सागौन तस्करी का मामला पकड़ में आया था। सागौन तस्करी करते आईटीबीपी के जवान पकड़े गए थे।

2 min read
Google source verification

राजनांदगांव. दिसम्बर 2020 में राजनांदगांव जिले के खैरागढ़ वन मंडल क्षेत्र के तोतलभर्री में सागौन तस्करी मामले में आईटीबीपी (ITBP) मुख्यालय ने बड़ा एक्शन लिया है। आईटीबीपी ने घटना के दौरान यहां रहे तत्कालीन डीआईजी (ITBP DIG) छोटाराम जाट को बर्खास्तगी का नोटिस जारी किया है। नोटिस सितम्बर महीने में जारी की गई और अब इस मामले में क्या कार्रवाई हुई है यह पता नहीं चल पाया है। सागौन तस्करी मामले में आईटीबीपी के जवान पकड़े गए थे। इस मामले में आईटीबीपी ने तत्कालीन डीआईजी छोटाराम जाट को बर्खास्तगी की नोटिस जारी किया है।

Read More: राजनांदगांव: ITBP की सरकारी गाड़ी में कीमती सागौन की तस्करी, आधी रात ग्रामीणों ने पकड़ी चोरी, वीडियो वायरल, Video...

हंगामे के बाद कर दिया था डीआईजी का लेह तबादल
26 दिसंबर 2020 में राजनांदगांव जिले ग्राम तोतलभर्री गांव में सागौन तस्करी का मामला पकड़ में आया था। सागौन तस्करी करते आईटीबीपी के जवान पकड़े गए थे। घटना के तत्काल बाद हंगामा मचने के बाद आईटीबीपी ने यहां पदस्थ डीआईजी जाट का तबादला लेह कर दिया था। इस मामले की जांच वन विभाग के अफसर पिछले करीब सालभर से कर रहे हैं लेकिन अब आईटीबीपी मुख्यालय दिल्ली ने इस मामले में बड़ा एक्शन लिया है। सागौन तस्करी मामले में आईटीबीपी के डीआईजी को भारत सरकार गृह मंत्रालय के आईटीबीपी इंस्पेक्टर जनरल ने बर्खास्तगी का शोकॉज नोटिस जारी किया है।

ग्रामीणों ने पकड़ी थी तस्करी
घटनाक्रम इस प्रकार है कि 26 दिसंबर 2020 को रात को 8 बजे तोतलभर्री के ग्रामीणों ने आइटीबीपी का एक ट्रक पकड़ा जिसमें 14 सागौन के ल_े ले जाए जा रहे थे। मामले ने तूल पकड़ा और वन विभाग तथा पुलिस विभाग के अधिकारी भी मौके पर पहुंचे वन विभाग ने पीओआर क्रमांक 3571, 26/12/2020 दर्ज करके रुपए 10 हजार रुपए की पेनल्टी लगा के जवानों को छोड़ दिया था।

दो स्तर पर जांच
मामला सामने आने के बाद वन विभाग ने जांच शुरु की थी तो दूसरी तरफ आईटीबीपी ने भी डीआईजी को हटाने के बाद अपने स्तर पर जांच शुरु की थी। आईटीबीपी ने इस मामले में कोर्ट ऑफ इंक्वायरी बैठाई जिसमें 36 गवाहों के और आठ बचाव पक्ष के गवाहों का साक्ष्य लिया गया। जानकारी के अनुसार आईटीबीपी ने जांच में पाया कि तत्कालीन डीआईजी एंटी नक्सल ऑपरेशन राजनादगांव छोटा राम जाट ने 5 जवानों को तोतलभर्री गांव में शासकीय भूमि पर रखे 14 ल_ों को लाने के लिए आइटीबीपी के 44 वीं बटालियन के ट्रक में भेजा।

सागौन के ल_े, वहां से एक प्राइवेट फार्म हाउस में ग्राम पटेवा तहसील घुमका जिला राजनांदगांव ले जाए जाने थे। कोर्ट ऑफ इंक्वायरी में पाया गया कि तत्कालीन डीआईजी छोटा राम जाट अवैध गतिविधियों मे लिप्त रहे तथा अवैध तरीके से अर्जित की गई प्रतिबंधित सागौन लकड़ी के ट्रांसपोर्टेशन में लिप्त रहे। यह भी पाया गया कि छोटा राम जाट के कारण आईटीबीपी के 5 जवानों के जीवन के साथ समझौता किया गया और नक्सल क्षेत्र में बिना सुरक्षा के भेजा गया जो कि स्टैण्डर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर का उल्लंघन है।

नोटिस में यह
आईटीबीपी की तरफ से DIG छोटा राम जाट को जारी नोटिस में कहा गया है कि उनको नौकरी से निकालना प्रस्तावित किया गया है। आईटीबीपी एप्स के रूल के तहत 15 दिनों का शो कॉज नोटिस जारी किया गया है। इधर सागौन तस्करी के मामले में आईटीबीपी ने एक साल के भीतर जांच पूरी कर ली जबकि यहां छत्तीसगढ़ का वन विभाग अब तक जांच ही कर रहा है।