24 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

केन्द्रीय विद्यालय को मिला हार्ड स्टेशन का दर्जा, नियमित शिक्षकों के आने से बेहतर होगी शिक्षण व्यवस्था …

खैरागढ़ के साथ ही छुईखदान और गंडई तक के छात्र-छात्राएं यहां शिक्षा ग्रहण करने आते हैं

2 min read
Google source verification
Kendriya Vidyalaya gets hard station status, teaching system will be better with regular teachers coming ...

केन्द्रीय विद्यालय को मिला हार्ड स्टेशन का दर्जा, नियमित शिक्षकों के आने से बेहतर होगी शिक्षण व्यवस्था ...

खैरागढ़. शहर के पिपरिया में पिछले 13 वर्षों से संचालित केन्द्रीय विद्यालय को अब हार्ड स्टेशन का दर्जा मिल गया है। केन्द्रीय विद्यालय में हर साल शिक्षकों की समस्या बनती रही है जिसके कारण इसकी लोकप्रियता के बाद भी यहां बच्चों को विषयवार पढ़ाई में परेशानियों का सामना करना पड़ता रहा है। हार्ड स्टेशन सूची में खैरागढ़ केन्द्रीय विद्यालय के शामिल होने से शिक्षकों की समस्या पूरी तरह खत्म हो जाएगी। जिससे बच्चों को विषयवार बेहतर शिक्षा व्यवस्था मिल सकेगी।

केन्द्रीय विद्यालय संगठन नई दिल्ली के ज्वाइंट कमिश्नर डॉ. शशिकांत द्वारा 4 मार्च को इसके आदेश जारी किए गए। देशभर के 149 केन्द्रीय विद्यालयों में खैरागढ़ विद्यालय को शामिल कर हार्ड स्टेशन की मान्यता दी गई। पिछले 13 वर्षो से केन्द्रीय विद्यालय की स्थापना के बाद इसकी इलाके में बड़ी लोकप्रियता है। खैरागढ़ इलाके के साथ-साथ छुईखदान और गंडई तक के छात्र-छात्राएं यहां शिक्षा ग्रहण करने आते हैं।

नहीं होगी अब शिक्षकों की कमी

केन्द्रीय विद्यालय में फिलहाल 8 सौ से अधिक छात्र-छात्राएं अध्ययनरत है। हायर सेंकेडरी तक की शिक्षा व्यवस्था में विद्यालय में सबसे बड़ी परेशानी शिक्षकों की होती रही है। प्रायमरी माध्यमिक और हाईस्कूल में कई विषयों के शिक्षकों की भर्ती विद्यालय प्रबंधन द्वारा संविदा तौर पर किया जाता रहा है। जिसके कारण कुछ विषयों की पढ़ाई समय पर पूरी नही हो पाती थी। खासकर हायर सेंकेडरी कक्षाओं के छात्रों को इस परेशानी से ज्यादा गुजरना पड़ता था। हार्डस्टेशन बनाए जाने के बाद केन्द्रीय विद्यालय संगठन द्वारा यहां नियमित शिक्षकों की पर्याप्त व्यवस्था बनाई जाएगी जिससे विषयवार पढ़ाई की दिक्कत खत्म होगी।

भर्ती प्रक्रिया के दौरान पालकों में होती है रस्साकशी

केन्द्रीय विद्यालय में अपने बच्चों के प्रवेश के लिए यहां हर साल पालकों में ज्यादा रस्साकशी होती है। बेहतर शिक्षा के साथ सीबीएसई पेटर्न की पढ़ाई के लिए केन्द्रीय विद्यालय की स्थापना 13 वर्ष पूर्व तत्कालीन सांसद देवव्रत सिंह के अथक प्रयास से हो पाई थी। पालीटेक्नीक कालेज के छात्रावास से शुरू हुए विद्यालय के संचालन के बाद इसके लिए प्रशासन द्वारा पिपरिया कोहकाबोड़ मार्ग पर जमीन की व्यवस्था बनाकर भव्य स्कूल भवन का निर्माण कराया गया। जिसके बाद पिछले दस सालों से यहां विद्यालय का सफल संचालन किया जा रहा है। कक्षा एक में प्रवेश के लिए यहां काफी मारामारी रहती है। अन्य प्रायमरी कक्षाओं में अपेक्षाकृत सीट नहीं होने से पालक पहली कक्षा में ही बच्चों के प्रवेश के लिए दौड़भाग करते हैं। अब शिक्षकों की नियमित व्यवस्था होने से केन्द्रीय विद्यालय का ग्राफ और बढ़ेगा।

छात्रों को होगा सीधा फायदा

केंद्रीय विद्यालय खैरागढ़ के प्राचार्य के कुजुर ने कहा कि केन्द्रीय विद्यालय खैरागढ़ को हार्डस्टेशन बनाया गया है। यहां नियमित शिक्षकों की पर्याप्त उपस्थित होने से बेहतर शिक्षा के लिए दिक्कत नहीं होगी। इसका सीधा फायदा छात्रों को होगा।