27 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

रहवासी मकान में स्कूल संचालन, हाउसिंग बोर्ड ने सात दिन के अंदर खाली करने जारी कर दिया नोटिस …

स्कूल प्रबंधन व शिक्षा विभाग की कार्य प्रणाली पर फिर सवाल

2 min read
Google source verification
Operating the school in the residential house, the housing board issued notice to vacate within seven days ...

रहवासी मकान में स्कूल संचालन, हाउसिंग बोर्ड ने सात दिन के अंदर खाली करने जारी कर दिया नोटिस ...

राजनांदगांव. ग्राम टेड़ेसरा में संचालित क्रिमसन पब्लिक स्कूल को हाउसिंग बोर्ड ने नोटिस जारी कर सात दिनों के भीतर खाली करने कहा है। दरअसल हाउसिंग बोर्ड मकान को रहने के लिए दिया है, लेकिन इन मकानों को किराए पर देकर लाखों रुपए कमाया जा रहा है, जो कि नियम विपरीत है। इसी वजह से हाउसिंग बोर्ड ने सात दिनों के भीतर यहां से स्कूल अन्यत्र नहीं ले जाने की स्थिति में रजिस्ट्री शून्य करने की बात कही है। ऐसे में यहां पढऩे वाले बच्चे व पालकों की चिंता बढ़ गई है।

ज्ञात हो कि मकान एल-53, 54, 55 में स्कूल संचालन हो रहा है। इसे प्रबंधन ने किराए पर ले रखा है, लेकिन इसके मालिकाना हक पर भी सवाल उठ रहा है। क्योंकि स्कूल प्रबंधन ने किसी राम साहू के साथ किरायानामा बनाया है, लेकिन जिस तीन मकान में स्कूल संचालित है वह मकान श्रीवास्तव बन्धुओं ने खरीदा है, जिसे अब हॉउसिंग बोर्ड राजनांदगांव ने नोटिस जारी कर सात दिवस के भीतर खाली करने आदेश जारी किया गया है।

डायवर्सन नहीं किया गया

स्कूल ने अपने ऑडिट रिपोर्ट में मकान मालिक को तीन सालों में लाखों रुपए का भुगतान करना दर्शाया है। जबकि छग गृह निर्माण मंडल ने इस मकान को रहने या निवास करने के लिए दिया था। लेकिन इस मकान को किराए पर देकर स्कूल संचालित कर लाखों रुपए किराया वूसलना नियम विपरीत है। गृह निर्माण मंडल के अधिकारियों की माने तो इस मकान में स्कूल संचालित नहीं किया जा सकता और यदि स्कूल संचालित करना है, तो इसके लिए डायवर्सन किया जाना था, जो नहीं किया गया।

मान्यता देने वाले अफसर भी घिरे

यहां नर्सरी से कक्षा 4 तक २०१६ से स्कूल संचालित है। शिक्षा विभाग में प्रस्तुत दस्तावेज के अनुसार 2018 में इस स्कूल ने मान्यता के लिए प्रारूप-1 में जानकारी दिया और यह भी जानकारी दिया कि यह स्कूल वर्ष 2016 से संचालित है। इसके बावजूद इस स्कूल पर आरटीई कानून के प्रावधानों के अंतर्गत जुर्माना नहीं लगाया गया। क्योंकि यह स्कूल 2016 से संचालित हो रहा था। इस स्कूल की मान्यता निरीक्षण रिपोर्ट सहायक संचालक आदित्य खरे द्वारा प्रस्तुत कर मान्यता के लिए अनुशंसा की गई है, लेकिन निरीक्षण किस दिन किया गया इसका उल्लेख नहीं है। इस तरह सहायक संचालक मामले में घिरते नजर आ रहे हैं।

जर्जर भवन में स्कूल का संचालन

इसी प्रकार शंकरपुर में संचालित शताब्दी स्कूल को भी मान्यता दी गई है, जबकि नगर निगम आयुक्त ने इस भवन को खाली करने का आदेश दिया है। क्योंकि यह भवन निगम का है और बेहद जर्जर हो चुका है, लेकिन आज भी इसी जर्जर भवन मे स्कूल संचालित किया जा रहा है।

शिकायत मिली है

जिला शिक्षा अधिकारी हेमंत उपाध्याय ने बताया कि मामले की शिकायत मिली है। जांच कराई जा रही है। इसके बाद न्यायोचित कार्रवाई की जाएगी।