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राजनंदगांव

SAIL Bhilai Steel Plant: भिलाई स्टील प्लांट में बड़ा बदलाव, निजी कंपनियों की तर्ज पर होगा ये काम

SAIL Bhilai Steel Plant: अंतरराष्ट्रीय मानक में कर्मियों पर उत्पादन का कम से कम 7 फीसदी खर्च करने के लिए कहा गया है।

राजनंदगांवJun 11, 2024 / 05:48 pm

Shrishti Singh

SAIL Bhilai Steel Plant: सेल-भिलाई स्टील प्लांट अब उत्पादन के कॉस्ट में कटौती करने में जुटा है। प्रबंधन को निजी कंपनियों से सीधे टक्कर मिल रही है। वहां उत्पादन लागत कम है, इस वजह से मुनाफा अधिक हो रहा है। वहीं सेल में निजी कंपनियों की अपेक्षा उत्पादन लागत अधिक है। यहां उत्पादन लागत का बड़ा हिस्सा कर्मचारी व अधिकारियों के वेतन में चला जाता है। वहीं निजी कंपनी कम से कम लागत में स्टील का उत्पादन कर रही है।

देश आजाद होने के बाद सार्वजनिक उपक्रम इस वजह से लगाए गए थे, ताकि लोगों का जीवनयापन का स्तर ऊंचा हो। इसको लगाने का मकसद मुनाफा कमाना नहीं था, बल्कि लोगों को रोजगार देना था। समय के साथ-साथ सार्वजनिक उपक्रमों को भी निजी कंपनियों से मुनाफा कमाने के लिए प्रतिस्पर्धा में लाकर खड़ा कर दिया गया।

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उत्पादन की लागत का 20 फीसदी वेतन में

सेल-बीएसपी के उत्पादन की लागत का 20 फीसदी वेतन में जाता है। सेल-बीएसपी स्टील का उत्पादन करता है, तो 100 रुपए उसके उत्पादन में कॉस्ट आता है, तो उसमें 20 रुपए कर्मियों के वेतन की राशि है। इसे कम करने के लिए सेल-बीएसपी प्रबंधन प्रयास कर रहा है। पहले यह 33 फीसदी था, अब घटकर 20 फीसदी तक आ गया है। 13 फीसदी से अधिक कर्मियों पर खर्च होने पर उसे अलार्मिंग कंडीशन माना है।

SAIL Bhilai Steel Plant: निजी कंपनी 4 से 6 फीसदी तक करते हैं वेतन में खर्च

निजी इस्पात निर्माता कंपनियां उत्पादन लागत में कर्मियों के वेतन में कम से कम खर्च करती है। निजी कंपनियों की इस्पात उत्पादन में लागत 100 रुपए है, तो उसमें से 4 से 6 फीसदी कर्मियों के वेतन की राशि है। वहीं कुछ बड़ी कंपनियां जैसे टाटा में लागत का 12 फीसदी तक कर्मियों के वेतन में जाता है। सेल के उत्पादन लागत का 20 फीसदी रकम यहां के कर्मचारियों व अधिकारियों पर खर्च हो रही है। अंतरराष्ट्रीय मानक में कर्मियों पर उत्पादन का कम से कम 7 फीसदी खर्च करने के लिए कहा गया है।

प्रतिस्पर्धा की दौड़ में शामिल संयंत्र

सेल-बीएसपी भी कॉस्ट कटौती की दौड़ में शामिल हो गया है। यही वजह है कि बीएसपी से रिटायर्ड होने वाले कर्मियों का 10 फीसदी ही नई भर्ती के तौर पर लिया जा रहा है। बीएसपी में जब 5 मिलियन टन की उत्पादन क्षमता था, तब 60 हजार से अधिक कर्मचारी और अधिकारी काम करते थे। आज 7 मिलियन टन उत्पादन की क्षमता है, तब बीएसपी में कर्मियों की संया 12,400 के आसपास रह गई है।

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SAIL Bhilai Steel Plant: कोयला आयात में कमी

सेल इस्पात उत्पादन के लिए विदेश से 80 फीसदी कोल का आयात करता है। वहीं 20 फीसदी लोकल कोल का इस्तेमाल किया जाता है। प्रयास किया जा रहा है कि आयात को कम कर, लोकल कोल का इस्तेमाल बढ़ाया जाए। इसी तरह से स्टोर में अधिक जॉब को लाकर रखने की जगह, जरूरत के मुताबिक ही आयटम लाया जाए।

महासचिव डीवीएस रेड्डीपूर्व का कहना है कि सार्वजनिक उपक्रम में बिजली, आयरन ओर, कोयला समेत अन्य मटीरियल का उपयोग होता है। इसके इनपुट में कटौती किया जाना चाहिए। कॉस्ट कटौती के नाम पर लेबर कॉस्ट को कम नहीं किया जाना चाहिए।

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