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Sharad Purnima 2024: शरद पूर्णिमा पर कल बांटी जाएगी जड़ी बुटीयुक्त खीर, प्रसाद ग्रहण करने से 6 घंटे पूर्व व बाद न सोये नहीं तो…

Sharad Purnima 2024: राजनांदगांव जिले में शरद पूर्णिमा के जड़ी बुटीयुक्त खीर की प्रसादी बांटी जाएगी। पीड़ित प्रसाद ग्रहण करने से 6 घंटे पूर्व व बाद न सोये।

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Sharad Purnima 2024: छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले में मानव सेवा व जनकल्याण के लिए अंचल सहित देशभर में पहचान बना चुकी बर्फानी सेवाश्रम समिति द्वारा अपने आशीर्वादक राष्ट्रीय संत ब्रम्हर्षि बर्फानी दादा के आशीर्वाद से संस्था द्वारा संचालित गर्भगृह में विराजमान मां पाताल भैरवी राज राजेश्वरी त्रिपुर सुंदरी दश महाविद्या द्वादश ज्योर्तिलिंग शिव शक्ति सिद्धपीठ बर्फानी आश्रम परिसर में शरद पूर्णिमा 16 अक्टूबर बुधवार की रात्रि में मनाई जाएगी।

यह भी पढ़ें; Sharad Purnima 2024: 16 अक्टूबर को मनाई जाएगी शरद पूर्णिमा, जानें इस दिन क्या करें और क्या नहीं?

Sharad Purnima 2024: पीड़ित प्रसाद ग्रहण करने से 6 घंटे पूर्व व बाद न सोये

Sharad Purnima 2024: स्वांस, दमा व अस्थमा पीड़ितों को जड़ी बुटीयुक्त खीर प्रसाद का नि:शुल्क वितरण किया जाएगा। इसके अलावा छत्तीसगढ़ की प्रसिद्ध लोक कलामंच स्वरधारा की भी प्रस्तुति रात्रि में होगी। संस्था के सचिव गणेश प्रसाद शर्मा ‘गन्नू’ ने बताया कि सारे देश में मनाए जाने वाले मां भगवती के साधना व भक्ति का महापर्व शारदीय क्वांर नवरात्रि पर्व बर्फानी आश्रम स्थित मां पाताल भैरवी राज राजेश्वरी त्रिपुर सुंदरी दश महाविद्या द्वादश ज्योर्तिलिंग शिव शक्ति सिद्धपीठ में संपन्न होने के बाद संस्था द्वारा मानव एवं जनकल्याण के तहत स्वांस, दमा व अस्थमा पीड़ितों को पिछले 27 वर्षों से दुर्लभ जड़ी बुटियां एकत्रित कर पौराणिक मान्यताओं अनुसार जड़ी बुटी युक्त खीर प्रसादी तैयार कर स्वांस, दमा व अस्थमा पीड़ितों को ब्रम्हमुहूर्त में वितरित की जाती है।

कर्मा, ददरिया, सुवा, जस की प्रस्तुति

संस्था द्वारा लोक कलाकारों को प्रोत्साहित करने की दृष्टिकोण से प्रतिवर्ष विलुप्त होती व मनोरंजन के भरपूर रहने वाली नाचा पद्धति के अलावा लोक कलामंच व लोक कलाकारों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से इस वर्ष भी संस्कारधानी के लोक कलाकार विष्णु कश्यप द्वारा संचालित छत्तीसगढ़ की प्रसिद्ध लोक कलामंच स्वरधारा के कलाकारों द्वारा कर्मा, ददरिया, सुवा, जस व पारंपरिक गीत व नृत्य के अलावा हास्य व्यंग्य प्रहसन प्रस्तुत किया जाएगा।

इस वर्ष भी संस्था द्वारा लगभग 30 हजार से भी अधिक पीड़ितों के लिए खीर प्रसाद तैयार करवाया जा रहा है। जिसे शरद पूर्णिमा की रात्रि चन्द्रकला से प्राप्त होने वाली अमृतरूपी प्रसाद तैयार कर श्रद्धालुओं को नि:शुल्क वितरित किया जाएगा। संस्था ने व्यापक पैमाने पर तैयारी प्रारंभ कर दी है। वहीं पीड़ितों से पंजीयन कराने की अपेक्षा की है। पीड़ित प्रसाद ग्रहण करने से 6 घंटे पूर्व व बाद न सोये।

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आयोजन के लिए नगर निगम से भी सहयोग मांगा

संस्था ने आयोजन को लेकर जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन व नगर निगम से भी सहयोग मांगा है। संस्था के द्वारा श्रद्धालुओं से अपेक्षा की गई है कि वे अपना पंजीयन मां पाताल भैरवी सिद्धपीठ पहुंचकर अवश्य कराएं। इस आयोजन को लेकर संस्था के अध्यक्ष राजेश मारु, उपाध्यक्ष दीपक जोशी, सचिव गणेश प्रसाद शर्मा ‘गन्नू’, कोषाध्यक्ष नीलम जैन, महंत गोविंद दास, गुरुचरण सिंह छाबड़ा, महेन्द्र लुनिया, दामोदर अग्रवाल, कमलेश सिमनकर, संतोष खंडेलवाल, सूरज जोशी, आलोक जोशी, लीलाधर सिंह, कुलबीर छाबड़ा, संजय खंडेलवाल, योगेन्द्र पांडे, मनीष परमार सहित अन्य सदस्य तैयारियों को अंतिम रूप देने में लगे हैं।