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छत्तीसगढ़ की अनसुनी परंपरा.. घने जंगल में लगा मेला, सुखों की प्राप्ति के लिए भक्तों ने की मां दूरपता देवी की पूजा

CG Festival : गंडई के वार्ड क्रमांक 1 बहेराभाठा से महज 1 किलोमीटर और मुख्य रोड से नहर रोड होते हुए लगभग 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित भड़भड़ी जंगल है।

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छत्तीसगढ़ की अनसुनी परंपरा.. घने जंगल में लगा मेला, सुखों की प्राप्ति के लिए भक्तों ने की मां दूरपता देवी की पूजा

छत्तीसगढ़ की अनसुनी परंपरा.. घने जंगल में लगा मेला, सुखों की प्राप्ति के लिए भक्तों ने की मां दूरपता देवी की पूजा

गंडई पंडरिया। CG Festival : गंडई के वार्ड क्रमांक 1 बहेराभाठा से महज 1 किलोमीटर और मुख्य रोड से नहर रोड होते हुए लगभग 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित भड़भड़ी जंगल है। यहां प्रतिवर्ष मेले का आयोजन होता है। 21 से शुरू हुए मेला का 23 नवंबर को समापन हुआ। डेम के आगे घने जंगल में स्थित मां दूरपता देवी के दर्शन किए बड़ी लोग पहुंचे थे। बताया जाता है कि यहां भंडारे का भी आयोजन किया जाता है।

हिंदू धर्म में आंवला नवमीं प्रमुख त्योहारों में एक है। इसे अक्षय नवमीं भी कहा जाता है और इस दिन आंवला के पेड़ की पूजा की जाती है। हर साल अक्षय नवमीं या आंवला नवमीं कार्तिक माह में शुक्ल पक्ष की नवमीं तिथि और देवउठनी एकादशी से दो दिन पहले पर्व मनाया जाता है।

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हिंदू धर्म ग्रंथों में आंवला नवमीं को काफी शुभ दिन माना जाता है। इस दिन आंवला के पेड़ की पूजा करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। जीवन में सभी सुखों की प्राप्ति भी होती है। लोग यहां दूर-दूर से पिकनिक मनाने परिवार सहित पहुंचे थे। एक साथ आनंद उठाए। यहां विभिन्न व्यंजन के दुकान, स्टॉल भी लगाए गए थे। मेले में बड़ी संख्या में ग्रामीण जुटे थे।


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