सूचना पर दिवेर पुलिस मौके पर पहुंची और 108 एम्बुलेंस से उसे देवगढ़ अस्पताल ले गए, जहां शव को मुर्दाघर में रखवा दिया। बाद में पुलिस ने पोस्टमार्टम करवा शव परिजनों को सौंप दिया। उल्लेखनीय है कि कन्हैयालाल भंगार की फेरी लगाकर घर का गुजारा चलाता था। अब उसके परिवार में पत्नी व दो बच्चे है, जिनके पालन पोषण पर संकट खड़ा हो गया है।
जांच बगैर मुर्दाघर में रखवाया शव
हादसे के बाद कन्हैयालाल को लेकर एम्बुलेंस देवगढ़ अस्पताल के बाहर पहुंच गई, मगर 15 मिनट तक चिकित्सक के नहीं आने पर एम्बुलेंस खड़ी रही। बाद में भी चिकित्सकीय जांच नहीं करवाई कि वह जिंदा है या नहीं। इससे अस्पताल प्रशासन की लापरवाही खुलकर सामने आ गई।
हादसे के बाद कन्हैयालाल को लेकर एम्बुलेंस देवगढ़ अस्पताल के बाहर पहुंच गई, मगर 15 मिनट तक चिकित्सक के नहीं आने पर एम्बुलेंस खड़ी रही। बाद में भी चिकित्सकीय जांच नहीं करवाई कि वह जिंदा है या नहीं। इससे अस्पताल प्रशासन की लापरवाही खुलकर सामने आ गई।